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Vaccine 50 by NJ (book review)

Vaccine 50 Book by NAVEEN JAIN

एक तरफ सारी दुनिया वैक्सीन बनने के इंतज़ार में है वही दूसरी तरफ 50 वैक्सीन बनकर तैयार भी हो गई ……जी हाँ आपने बिल्कुल सही पढ़ा 50 वैक्सीन,, चलो तो फिर बिना कोई देरी के बात करते है इस वैक्सीन की….यह वैक्सीन 50 आई ए एस ऑफिसर श्री नवीन जैन साहब की लिखी एक पुस्तक है जिसमे कोरोना काल मे हम कैसे अपने आपको सुरक्षित रखे यह बिल्कुल सरल भाषा मे समझाया गया है… यदि किसी को 50 में से 10-15 वैक्सीन यानी प्रेरक कथात्मक लेख समझ आ जाये तो मेरा मानना है कि एक आम व्यक्ति यह समझ जाएगा कि उसे क्या सावधानी रखनी है जिससे वह कोरोना संक्रमित नही हो…. अब जब व्यक्ति कोरोना संक्रमित होगा ही नही तो उसे फिर और किसी वैक्सीन की आवश्यकता होगी ही नही। मेवाड़ी में एक कहावत है “पानी पेली पाल बांदनी छावे” यानी जलस्रोतों में पानी की आवक से पहले ही वहाँ पाल निर्माण मजबूती से हो जाये तो पानी व्यर्थ नही बह सकता है, और पानी आने पर पाल निर्माण भी नही किया जा सकता है ठीक उसी तरह यह पुस्तक भी इस कहावत जैसी ही है जिसके पढ़ने मात्र से ही आप संक्रमण से कैसे बचें यह जान लेते है।यह तो हुई मेरी अपनी बात चलो अब कुछ इस पुस्तक में लिखी वैक्सीन की संक्षिप्त बात करते है विस्तृत के लिए आपको यह पुस्तक पढ़नी होगी।आग लगने पर चिड़िया द्वारा चोंच से आग बुझाने का प्रयास और उसकी आलोचना पर चिड़िया द्वारा आलोचकों को जवाब देना की जब भी इतिहास लिखा जाएगा मेरा नाम आग बुझाने वालो में आएगा न कि लगाने वालों में,, इस जवाब से चिड़िया बताने का प्रयास करती है कि मेरा थोड़ा सा योगदान भी महत्वपूर्ण है। घोड़े की लीद पर बच्चे का जवाब की घोड़े की लीद है तो घोड़ा भी कही आसपास ही होगा, यह समझाने में सफल रहा है कि सकारात्मक लोगो की हमेशा मांग रहेगी ही… किसी व्यक्ति को हतोत्साहित कर दिया जाए तो उसमे बेहतरीन गुणों के होने पर भी वह मानव जाति की सेवा नहीं कर सकता है, कैसे एक पेड़ भी हतोत्साहित करने पर धीरे धीरे सूख कर गिर जाता है प्रभावी तरीके से समझाया गया है। दुर्घटना नही होने से मोड़ पर लगा बोर्ड अतिआत्मविश्वास के चलते हटा दिया जाना जो बाद में किसी बड़ी गलती की नींव रखने जैसी है। शीर्ष पर पहुंचने के लिए बहरे मेंढक का किरदार यह समझाने में सफल रहा है कि हमें नकारात्मकता के प्रति बहरा कान रखना ही होगा, मिट्टी में पानी मिलाकर इट बनाकर मारने से चोट लगेगी ही वैसे ही शराब पीने से शरीर को नुकसान होगा बेहतर तरीके से समझाया गया। बच्चे को गुड़िया और सफेद फूल दिलाने वाली कहानी ने तो पढ़ते पढ़ते रुला ही देती है, एमबीए पास बेटे की सलाह पर एक पिता का बिजनेस जो और अच्छा चल सकता था वह भी हाथ से चला जाता है इस कहानी से थोथे ज्ञान से अपने अटल इरादे न छोड़े का संदेश दिया गया है।एक कहानी में दोस्त द्वारा आंगन में लगा पेड़ कटवा कर उसकी लकड़ियां भी अपने घर मंगवा ली जाती है यह सब गलत सूचना से भृमित किया जाकर किया गया , कहानी से सीख मिलती है कि लोग आपके पेड़ की लकड़ियां खुद आपसे ही कटवाकर अपने आंगन तक पहुचाने का दुस्साहस कर सकते है और आपके पास खुद को मूर्ख की तरह महसूस करने के अतिरिक्त कोई चारा नही रह जाता है। एक जगह लिखा गया कि दुनिया मे हर व्यक्ति महान नही बन सकता क्यो की दुसरो को महान बनते हुए देखने के लिए दर्शक भी चाहिए होते है। नकली नीलम के हार की पहचान खुद करने के काबिल होने की कहानी भी काफी रोचक है,, किसी का एक्सीडेंट होना भी उसकी जान जाने से बचा सकता है कहानी दिल को छू गई। पुस्तक में कल्पवृक्ष की कहानी से बताने का प्रयास किया गया है कि हमे वही दुनिया रहने को मिलती है जिसकी हम कोसिस करते है।इस पुस्तक में आगे की वैक्सीन में अपने सपनो को खुराक देना, बेहतर समय के लिए धेर्य रखे 8 मिनट की फ़िल्म के जरिये संदेश, सफेद कागज पर काला डॉट, अति सर्वत्र वर्जयेत और माउस ट्रैप से खतरा बड़े जानवर को होना, एक बोतल पानी से पंप स्टार्ट होना सिखाता है कि आस्था में ही सब निहित है, निराश सोच मैं क्यों?, धरती से जुड़कर भी ऊंची उड़ान भरी जा सकती है, आदमी बनना आसान नही पानी पिलाने के लिए आदमी नही होना जबकि सेठ थोड़ी देर के लिये आदमी बन सकता था कहानी छोटी सोच पर सटीक वार करती है, अपने कौशल की पहचान कर सही जगह पहुंचने के लिए चिड़ियाघर के ऊँट के बच्चे की कहानी प्रेरणास्पद है, कर्म देखभाल कर करे यह लौटकर आते है, दुसरो को बचाने के लिए जोखिम लेने वालों का वंदन जैसी 50 वैक्सीन पुस्तक में है जिन्हें शब्दों में लिखा नही जा सकता है इसे आपको स्वयं पढ़ना ही होगालंबे समय बाद किसी पुस्तक को पढ़ा है वह भी पेंसिल से अंडर लाइन कर करके वरना अब तक तो मोबाइल में PDF फ़ाइल ओपन कर करके ही काम चला रहे थे, इस पुस्तक को पढ़ने से अब तक पुस्तके पढ़ने की आदत जो लगभग छूट सी गई थी वह वापस लौट आई …….. पुस्तक पढ़ने के बाद यह सब जो लिखा है यानी कुछ कुछ लिखना भी सीख ही गए है….. कोई पुस्तक पढ़कर उस पर कुछ लिखने का काम पहली बार किया है…. हो सकता है कि मेरे लिखे में कुछ भी समझ नही आये पर जैसे ही आप वैक्सीन 50 पढ़ लेंगे सब समझ आ जायेगा…. संदेश ज्यादा लंबा होने से मैं यही लिखना बंद कर रहा हूँ उम्मीद है कोई और इसके आगे जरूर लिखेगा … इसी के साथ पुस्तक की आखिरी लाइन ” अगर हम वाकई में स्वभाव में वो वाला बदलाव ला पाए और एक दूसरे के प्रति अपने व्यवहार को बदल पाए तो कोरोना को भी बोल सकते है – थैंक यू वेरी मच ।मुझे यह पुस्तक श्री प्रह्लाद जी पालीवाल श्रीराम स्टूडियो द्वारा सप्रेम भेंट की गई थी इसके लिए उनको दिल से धन्यवाद।आज ही श्री प्रह्लाद जी ने लिखना शुरू करने की सलाह दी,, उनकी सलाह और बात का मान रखते हुए इतना कुछ लिख गया… अब मैंने क्या लिखा मुझे नही पता है पर हाँ इस पुस्तक में जो लिखा है वह आपके जीवन मे सकारात्मक बदलाव लाएगा….. जरूर पढ़ेंधन्यवाद

Nana Lal Salvi, Rajsamand

The book has obtained the Bestseller tag already on Amazon.
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This book, divided into 50 chapters, in very simple Hindi and every chapter gives a new Insight. corona infection tested our body immunity but the lockdown was the real examination of our spirits. available on Amazon.in.

Corona may have postponed our dreams but they can be fulfilled if we use this time for a better planning. Challenges can become the foundation of success if we are fully aware of our potential.

“दुनिया में भी इंसान विरले ही होंगे उन्होंने सपने देखे हो और तुरंत पूरे हो गए हो I सपनों के संबंध में लोग तरह-तरह की बातें करते हैं और दूसरों को इस बारे में भी सलाह देने से बाज नहीं आते हैं I कई बार लोगों को सलाह दी जाती है कि उन्हें अपने सपने भी उनकी वर्तमान औकात के हिसाब से ही देखने चाहिए I मुझे इस बात को समझने में बहुत दिक्कत होती है कि यदि सपने भी औकात में देखे जाएंगे तो फिर क्या वह सपने कहलाएंगे ? कहीं ना कहीं सपने देखने के पीछे हमारा मकसद यही तो होता है कि हमारी वर्तमान औकात बढ़ जाए और दुनिया हमारी तरफ देखना शुरू कर दे I क्या कभी एक बिल्डिंग के निर्माण में लगा हुआ मजदूर केवल अपनी मजदूरी बढ़ाने का ही सपना देखता है ? हो सकता है कि कुछ मजदूर ऐसा ही करते हो, परंतु ज्यादातर लोगों का सपना या तो सुपरवाइजर बनने का रहेगा या फिर ऐसी इमारत में खुद का एक मकान बनाने का होता होगा I आगे बात यह है कि सपना देखना ही काफी नहीं है बल्कि सपने की तरफ लगातार आगे बढ़ने के लिए मेहनत भी करनी चाहिए और अपने सारे रिसोर्सेज का इस्तेमाल करते हुए लगातार उस मंजिल की तरफ बढ़ना चाहिए I” –

-पृष्ठ संख्या 45 अध्याय 12

Hiding the illness or its symptoms can cause you greater pain, therefore, it is always better to disclose it for the welfare of others. The story of a stray seed and an old fort wall explains it well. Turn to the chapter given below-“बीज द्वारा इस प्रकार अपनी बात कहे जाने से उस दीवार का दिल पसीज गया और किले की उस पुरानी दीवार ने उस बीज को वहां अपने सुराग में रहने की परमिशन दे दी और जैसा की प्रकृति का नियम है, बरसात हुई तो बीज की जो कोपले थी, वे फूटनी शुरू हो गई I धीरे-धीरे बीज का विकास होता गया I समय के साथ उसकी जड़ें फैलती गई और अब वह एक बड़े पौधे का रूप लेने लगा और एक समय ऐसा आया, जब उसकी फैलती हुई जड़ों ने और उसके तने ने उस पूरी दीवार के पत्थरों को हिला डाला I एक दिन ऐसा भी आया की पूरी दीवार जो हजारों साल से सही खड़ी थी क्योंकि उसने मर्यादा का पालन नहीं किया था, वह आज एक बीज को गलत आश्रय देने के कारण अपने आप को खंडित होते हुए देख रही थी I जिस तरह से एक दीवार एक बीज को कभी छुपा नहीं सकती, हम किसी बीमारी के लक्षण या दूसरी बताने लायक चीजों को छुपाकर हमारे अपने लोगों की मुसीबत को नहीं बढ़ाए और एक जिम्मेदार नागरिक होने का परिचय देंI इसीलिए किसी ने सही कहा है कि मर्ज छुपाने से घटता नहीं बल्कि बढ़ता है I”——-

Vaccine 50 Book by NAVEEN JAIN
Vaccine 50 Book by NAVEEN JAIN

पृष्ठ संख्या 85 अध्याय 24

लीजिए…, ‘वैक्सीन’ आ गई !कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए दुनिया ‘वैक्सीन’ की तलाश में है। हमारे स्वास्थ्य मंत्री ने अगले साल तक ‘वैक्सीन’ तैयार होने का भरोसा दिलाया है। बहरहाल, मेरे हाथ में ‘वैक्सीन 50’ है। कल से पढ़ रहा हूं। ‘वैक्सीन 50: किल द नेगेटिविटी वायरस’…., जी हां, पूरा नाम यही है इस किताब का। बात सिर्फ कोरोना काल की नहीं। अमूमन जिंदगी में हम नकारात्मक विचारों के कारण परेशान होते रहते हैं। यह किताब जिंदगी जीने का तरीका बताती है। छोटी-छोटी प्रेरक कहानियों ने किताब की रोचकता बढ़ा दी है। पुस्तक का सार यह कि विपत्तियों की अवधि बहुत लंबी नहीं होती। इस दौरान जो धैर्य रखता है, संयम रखता है, मन को मजबूत रखता है, सकारात्मक सोच रखता है, वही व्यक्ति विपत्तियों से उबरता है, वो भी आसानी से। पुस्तक में 50 अध्याय हैं, छोटे-छोटे। बोलचाल के शब्दों का उपयोग किया गया है। पुस्तक बेहद रुचिकर है, पठनीय और ज्ञानवर्द्धक भी। दरअसल, भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी नवीन जैन से मेरा तकरीबन 12 बरस से अधिक समय का रिश्ता है। उनके भीतर प्रतिभाओं का भंडार है। एक साथ इतनी विशेषताएं कम लोगों में महसूस की जाती है। वे ओजस्वी वक्ता हैं, कुशल प्रशासक हैं, बेहतरीन लीडरशीप है, अच्छे फोटोग्राफर हैं और अब उनका नाम लब्धप्रतिष्ठ लेखकों की सूची में शुमार हो गया है। नवीन जैन की खासियत यह भी है कि जिस विभाग में जिम्मेदारी मिली, वहां पर नवाचारों के लिए विख्यात रहे। इन्हीं नवाचारों ने मेरे जैसे खबरनवीसों को आकर्षित भी किया है। मसलन, उच्च शिक्षा विभाग में सचिव के तौर पर आॅनलाइन प्रवेश प्रक्रिया की शुरुआत कर लाखों युवाओं को राहत दिलाई। चिकित्सा विभाग में रहे तो कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए इनके प्रयास को अनूठा कहा जा सकता है। परिणाम यह रहा है कि राजस्थान के लिंगानुपात में अपेक्षा से कहीं अधिक सुधार नजर आया। इतना ही नहीं, मातृ-शिशु मृत्युदर के आंकड़े राजस्थान को अकसर चिढ़ाते, मर्माहत करते। नवीन जैन का ही प्रयास था कि इसमें उल्लेखनीय गिरावट दर्ज किया गया और उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा। बतौर सीएमडी, राजस्थान रोडवेज को घाटे से उबारना अब इनके लिए चुनौती है। कोरोना काल में जरूरतमंदों को सुरक्षित घर तक पहुंचाने में रोडवेज बसों का कुशल संचालन कर ये आम आदमी का दिल जीतने में सफल रहे हैं।खैर, ‘वैक्सीन 50’ नामक पुस्तक हर वर्ग के पाठकों के जीवन में आशा का नवसंचार करेगी, यही उम्मीद है। मुझ तक यह बेहतरीन किताब पहुंचाई, पढ़ने का अवसर दिया, इसके लिए ‘नवीन सर’ का आभार। लेखन क्षेत्र में आपका पदार्पण उम्मीद जगाता है। आशा है, आने वाले दिनों में कुछ और पुस्तकें पढ़ने को मिले। मेरी ओर से अनंत शुभकामनाएं

~Gopal jha (Journalist )

Dream …..water them…see them growing.

While the world is searching for a vaccine to fight the COVID 19. This book by Shri Naveen Jain provides 50 shots to fight hopelessness and negativity in the times COVID-19 crisis has left us all in. Easy to read and a very relatable book. The lessons and the stories will keep you inspired for a long time. This is an amazing read. The book is available in the Hindi language. Shri Naveen Jain is an IAS officer of Rajasthan cadre and has immense achievements to his credit including improvement in the child sex ratio in Rajasthan, reforms in health and labour among many others.

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It worth a read. Life changing ideas to bring some positivity in your life in this corona pandemic gloomy situation.

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