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कोरोना

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तेरे आगे खड़े, करबद्ध खड़े 

तेरी मानव जाति कोरोना से डरें

अब इस भंवर से निकालो शम्भु

कहीं भंवर ये ,सभी को न लें डूबे।

कैसा मायावी आया ये प्रभु 

बिना दिखे ही लोगों को आ निगले

छूने से शरीर में प्रवेश करें

सांसों को जकड़ कर प्राण हरे।

मानव जाति थर्राई है 

एक तुझसे ही आस लगाई है

कोई वेक्सीन बने कोई दवा निकले 

जिससे हम सबके प्राण बचे।

सभी घरों में  बैठे हैं 

बार बार हाथों को धोएं है

मेल-मिलाप भूलाए बैठे हैं 

निकम्मे और निष्काम बने।

प्रभु उनपर अपनी कृपा करना

जो कर्म वीर सेवा में लगे

स्वयं को जो भूलें सबही के लिए

उन्हें ये कोरोना छू ही न सके।

अब आप ही मार्ग निकालो शम्भु 

संकट ये टले जल्दी से टले।

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