“आलु भरे परांठे”
कुण्डली 6चरण
आलु भरे परांठे,स्वाद भरे लजीज़,
चटनी के संग खाईये,गरमा गरम प्लीज।
गरमा गरम प्लीज,टप्पु को वेहद भाते,
बहन भाई मम्मी,पापा खाय न अघाते,
“प्रेमी”भर जाये पेट,मगर नीयत नहिं नाटे,
आम जनों की पसंद,ये आलु भरे परांठे।
रचियता -महादेव प्रेमी

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