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नववर्ष मंगलमय (नववर्ष विशेष) -व्यग्र पाण्डेय

नव वर्ष मंगलमय -हिंदी कविता

आ रही नव साल हर बार की तरह

जा रही अब साल हर बार की तरह

इक्तीस दिसंबर को नाचेंगे जी भर के

थमेगी बीस की चाल हर बार की तरह

खूब मचेगी धूम जश्न से सजेगी रात

रहेंगे वो ही पर हाल हर बार की तरह

ना बदलेंगे दिन और ना बदलेंगी रातें

फिर भी करेंगे धमाल हर बार की तरह

खोया क्या पाया हर बार ये होता आया

होंगे मन में कई सवाल हर बार की तरह

बधाईयों का दौर चलता रहेगा कुछ दिन

मोबाइल करेंगे कमाल हर बार की तरह

कुछ खट्टे कुछ मीठे अनुभव रहेंगे सबके

क्या बदलेगी ये साल हर बार की तरह

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             - व्यग्र पाण्डे 

      गंगापुर सिटी (राजस्थान)  
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