लेट यानि लेटा हुआ
डा राम कुमार जोशी
मंच पर विराजमान महात्मा जी प्रवचन दे रहे थे कि ये जीवन बड़ा क्षण भंगुर है आज है, कल नहीं रहेगा। मृत्यु का क्या भरोसा, पता नही कब आ जाय? आज लोग आपके नाम के आगे श्री लिखते है कल जब आप इस दुनिया से चले जायेंगे तो आप श्री के नाम के पहले लेट (Late) लिखा जायेगा।
यह सुनते ही पास में बैठा ग्रामीण अपने साथ में आये मित्र से पूछ बैठा :-भाई !ये लेट क्या होता है जो मरने के बाद नाम के आगे लग जायेगा?
मित्र:- ऐसा है कि अंग्रेज़ जब मरते हैं तो उनकों क़ब्र में लिटाते है और वे वहां प्रलय काल तक लेटे ही पड़े रहते है। इसलिए किसी के मरने के बाद उनके नाम के आगे अंग्रेजी का लेट लिखा जाता है।
मित्र ने समझा दिया।
और तो फिर अपने!
मित्र से जवाब मिला :-अरे भाई, अपने तो सब स्वर्ग में जाते हैं इसलिए अपनी हिंदी भाषा में मरने के बाद स्वर्गीय लिखा जाता है।
मैं भी उन दोनों की वार्ता सुन आश्चर्य में पड़ गया। महात्मा जी प्रवचन के सामने दोनों ग्रामीणों की वार्ता व व्याख्या अधिक रोचकता पूर्ण थी।

डा राम कुमार जोशी
बाड़मेर 344001
Comments ( 2)
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Vidya Dubey
4 months agoबहुत शानदार
डॉ मुकेश 'असीमित'
4 months agohahaa shandaar Sir