दिवाली की सफाई: घर, किताबें और कबाड़ी वाला – एक व्यंग्य डॉ मुकेश 'असीमित' October 2, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments दिवाली का असली मतलब घर की महिलाओं के लिए सफाई है। और सफाई सिर्फ झाड़ू-पोंछा नहीं, बल्कि पति के शौक की चीज़ों को कबाड़ी वाले… Spread the love
गरबा का थोथा गर्व-व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' October 1, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments नवरात्रि आते ही शहर गरबा-डांडिया के बुखार में तपने लगता है। भक्ति पीछे, डीजे आगे—फ़ैशन शो, सेल्फ़ी, और सार्वजनिक रोमांस! माँ दुर्गा कोने में दो… Spread the love
दिल का मामला है-हास्य व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' October 1, 2025 हास्य रचनाएं 0 Comments “दिल का मामला है जी – एक दिन में कहाँ सिमट पाता है! वैलेंटाइन डे ने तो पूरे सात दिन का सरकारी-सा कार्यक्रम बना दिया… Spread the love
भीतर का समुद्र-मंथन: विष से अमृत तक की आत्मिक यात्रा डॉ मुकेश 'असीमित' September 30, 2025 Darshan Shastra Philosophy 0 Comments समुद्र-मंथन की कथा हमें बताती है कि जीवन की साधना सबसे पहले विष का सामना है—आलोचना, उपहास और असुविधा का। लेकिन यही विष जब धारण… Spread the love
रावण का दशहरा-व्यंग्य कथा Prahalad Shrimali September 29, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments दशहरे की शाम थाने में बैठे नशे में धुत्त दारोगा ने चौकीदार से पूछा — “गांव में क्या चल रहा है?” चौकीदार बोला — “हुजूर,… Spread the love
कन्याओं का स्लॉट सिस्टम: अब देवी भी अपॉइंटमेंट से आती हैं! डॉ मुकेश 'असीमित' September 29, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments नवरात्रों का ‘कन्या पूजन’ अब लॉजिस्टिक ऑडिट बन चुका है। मोहल्ले की आंटियां कन्या खोज में परेशान, तो युवाओं ने लॉन्च किया kanjakkart.com — जहाँ… Spread the love
उठो, जागो: विवेकानंद का व्यावहारिक वेदांत—युवाओं के लिए जीवन-मंत्र डॉ मुकेश 'असीमित' September 29, 2025 हिंदी लेख 0 Comments विवेकानंद का संदेश युवाओं को भीतर की अनंत शक्ति पहचानने, निडर होकर लक्ष्य चुनने और सेवा को पूजा मानने का आह्वान है। व्यावहारिक वेदांत बताता… Spread the love
यजुर्वेद: कर्म, यज्ञ और जीवन संतुलन का शाश्वत वेद डॉ मुकेश 'असीमित' September 27, 2025 Darshan Shastra Philosophy 0 Comments यजुर्वेद कर्म और यज्ञ का वेद है। यह हमें बताता है कि जीवन का हर कार्य एक यज्ञ है—घर चलाना, समाज सेवा करना या प्रकृति… Spread the love
अथर्ववेद : जीवन, स्वास्थ्य, प्रेम, संरक्षण और ब्रह्मांडीय ज्ञान डॉ मुकेश 'असीमित' September 27, 2025 Darshan Shastra Philosophy 0 Comments अथर्ववेद जीवन का सबसे व्यावहारिक वेद है—जहाँ स्वास्थ्य के लिए औषधियों और मंत्रों का संगम मिलता है, रिश्तों को संवारने के सूत्र हैं, भय और… Spread the love
वास्तविक डेमोक्रेसी तभी जब वह सायास डेमोग्राफी बदले बिना हो Vivek Ranjan Shreevastav September 27, 2025 हिंदी लेख 0 Comments लोकतंत्र का आधार जनता का शासन है, परंतु जब जनसंख्या की संरचना बदलती है तो लोकतंत्र का संतुलन डगमगाने लगता है। भारत जैसे विविध देश… Spread the love