“गाँवो में दिखता” हिंदी कविता महादेव प्रेमी रचित

गाँवो में दिखता शीर्षक कविता गाँव के परिद्रश्य को दर्शाती ,आज भी गाँवो को शहरो से श्रेष्ठ होने का आभास कराती है.

“गांवों में दिखता”
(कुण्डली 8 चरण)

गांवों में दिखता मुझे,सच्चा हिन्दुस्तान,
ज़हां फसल लहरात हैं,गेहूं मक्का धान,

गेहूं मक्का धान,आदि खलिहानन मिलते,
गाय बैल वो भैंस,बछेडे घर में फिरते,

दूध छाछ माखन तु,कहीं पर दहि विलोते,
बच्चे खेलें खेल,कहीं पर नन्हे रोते,

“प्रेमी” सरसों तिली आदि कोलू में पिलता,
ये सच्चा आनंद,आज गाँवों में हि दिखता।

रचियता -महादेव प्रेमी

बुझोबल पहेली संग्रह
बुझोबल पहेली संग्रह

Mahadev Prashad Premi

साहित्यिक नाम-महादेव प्रेमी जन्म स्थान-ग्राम परीता स्थाई पता- संजय कालोनी…

साहित्यिक नाम-महादेव प्रेमी जन्म स्थान-ग्राम परीता स्थाई पता- संजय कालोनी गर्ग होस्पीटल गंगापुर सिटी ,स0 मा0 (राज0)322201 मोबाईल 9667627720 संप्रति:चिकित्सा कर्मी कार्य क्षेत्र:चिकित्सा कार्य लेखन विधा-गजल,गीत,कविता और पहेली लेखन आदि प्रकाशन:(1)”बूझोबल” पहेली संग्रह प्राप्त सम्मान:कई सामाजिक व साहित्यिक सम्मान प्राप्त लेखनी उद्देश:सामाजिक विसंगतियों पर लिखना प्रेरणा पुञ्ज:स्वयम एवम अन्य लेखक रुचियां: साहित्य लेखन/अध्यापन

Comments ( 1)

Join the conversation and share your thoughts

Dedicated To the Most Amazing Man in the Whole Wide World - Happy Birthday, Papa! - Baat Apne Desh Ki

4 years ago

[…] “गाँवो में दिखता” हिंदी कविता महाद… […]