खर्राटा संगीत-हास्य कविता

खर्राटा संगीत

बीबी तेरे खर्राटों से
उड़ गयी हमरी नींद
याद किया भगवान को
बाजै जब संगीत।
सांस लिये तो बजे बंसरी
फिर फिर बाजै ढोल
कान ढकूं कैसे बचूं
बाजै खर्र खर्र बोल।
पलक रुप ढक्कन दिये
नयनों को सौगात
भूल गये क्यों कान को
खुले रखे रघुनाथ।

डा राम कुमार जोशी
बाड़मेर

Ram Kumar Joshi

Content Writer at Baat Apne Desh Ki

Ram Kumar Joshi is a passionate writer who shares insights and knowledge about various topics on Baat Apne Desh Ki.

Comments ( 1)

Join the conversation and share your thoughts

प्रेम प्रकाश व्यास

4 months ago

बहुत सुन्दर प्रस्तुति. जोशी जी को शुभकामनायें. 🙏