चलो बुलावा आया है-व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' September 25, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments “चलो बुलावा आया है… दिल्ली ने बुलाया है। नेता, लेखक, कलाकार—सब दिल्ली की ओर ताक रहे हैं। दिल्ली एक वॉशिंग मशीन है, जहां दाग तक… Spread the love
गली में आज चाँद निकला-व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' September 25, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments “गली में आज चाँद निकला… पर यह कोई आसमान वाला चाँद नहीं, बल्कि टिकट की दौड़ में फँसा हुआ नेता चांदमल है। चाँदनी बिखेरने का… Spread the love