राग दरबारी- एक अनवरत बजता भारतीय राग डॉ मुकेश 'असीमित' August 2, 2025 शोध लेख 1 Comment “राग दरबारी कोई उपन्यास नहीं, भारतीय लोकतंत्र की एक्स-रे प्लेट है। श्रीलाल शुक्ल की यह कृति व्यवस्था के सड़ांधभरे तंत्र पर तीखा व्यंग्य करती है।… Spread the love
गिरने में क्या हर्ज़ है-किताब समीक्षा-प्रभात गोश्वामी डॉ मुकेश 'असीमित' July 15, 2025 Book Review 2 Comments डॉ. मुकेश असीमित का व्यंग्य संग्रह ‘गिरने में क्या हर्ज़ है’ न केवल भाषा की रवानगी दिखाता है, बल्कि विसंगतियों की गहरी पड़ताल भी करता… Spread the love
व्यंग्य की दुनिया में एक जागरूक आमद -पुस्तक समीक्षा -डॉ अतुल चतुर्वेदी डॉ मुकेश 'असीमित' July 5, 2025 Book Review 1 Comment ‘गिरने में क्या हर्ज़ है’ एक बहुआयामी व्यंग्य संग्रह है जिसमें डॉ. मुकेश असीमित ने समाज, राजनीति, शिक्षा और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों की विसंगतियों को… Spread the love