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Tag: परंपरा

“मध्यमवर्गीय शादी में ‘शोभा’ के नाम पर पंडाल, डीजे और ड्रोन कैमरा के बीच नाचते रिश्तेदारों का व्यंग्य चित्र।”

मध्यमवर्गीय शादियाँ : परंपरा, शोभा और तकनीक का तड़का

हमारे इलाक़े की मध्यमवर्गीय शादियाँ किसी भूले-बिसरे लोकगीत के रीमिक्स जैसी होती हैं — धुन परंपरा की, बोल नए ज़माने के। रिश्ता तय होने की…

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एक रंगीन सांस्कृतिक चित्र जिसमें भारत के विभिन्न हिस्सों — बिसरख, मंडोर, कांगड़ा, कांकेर — के लोग रावण की पूजा करते दिख रहे हैं, पीछे दशहरा के दृश्य में एक स्थान पर रावण दहन हो रहा है और दूसरे स्थान पर रावण की मूर्ति पर फूल चढ़ाए जा रहे हैं। यह भारत की सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक दृश्य है।

वे स्थान जहां नहीं किया जाता रावण दहन

विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘भोपाल’ का लेख “वे स्थान जहां नहीं किया जाता रावण दहन” भारतीय संस्कृति की विविधता और सहिष्णुता का जीवंत प्रमाण है। इसमें…

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एक व्यंग्यात्मक चित्र जिसमें एक नाग दूध के कटोरे के सामने बैठा है, आस-पास सूट-बूट पहने नेतागण नाग की पूजा कर रहे हैं और जनता टैक्स रूपी दूध से कटोरा भर रही है। पीछे पोस्टर पर लिखा है — "लोकतंत्र में नागों की जय!"

वोट से विष तक : नागों का लोकतांत्रिक सफर

यह रचना नाग पंचमी के बहाने लोकतांत्रिक व्यवस्था पर करारा व्यंग्य है। इसमें नाग रूपी नेताओं की तुलना असली साँपों से करते हुए बताया गया…

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