संस्था का स्वयंवर: ‘योग्यता’ नहीं, ‘जुगाड़’ की वरमाला! डॉ मुकेश 'असीमित' July 30, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments संस्था अब कोई विचारशील मंच नहीं, एक शर्मीली दुल्हन बन चुकी है, जिसका स्वयंवर हर दो साल बाद होता है। यहां वरमाला योग्यताओं पर नहीं,… Spread the love
बाढ़ में डूबकर भी कैसे तरें-हास्य व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' July 15, 2025 व्यंग रचनाएं 6 Comments बाढ़ आई नहीं कि सरकारी महकमें ‘आपदा प्रबंधन’ में ऐसे सक्रिय हो गए जैसे ‘मनौती’ पूरी हो गई हो। नदी उफनी नहीं कि पोस्टर लग… Spread the love
व्यंग्य चिंतन में मुंगेरीलाल Prahalad Shrimali July 13, 2025 व्यंग रचनाएं 1 Comment मुंगेरीलाल केवल एक चरित्र नहीं, हर आम आदमी की अंतरात्मा है जो कठिन यथार्थ के बीच भी सुनहरे सपने देखता है। वह न पाखंडी है,… Spread the love
देव सो रहे हैं और आम आदमी पिट रहा है….? व्यंग्य Sunil Jain Rahee July 8, 2025 व्यंग रचनाएं 5 Comments जब देव सोते हैं तो देश की नींव भी ऊंघने लगती है। जनता, बाबू, साहब और चपरासी सब अपनी-अपनी तरह से नींद का महिमामंडन करते… Spread the love
बाढ़ पर्यटन — जब त्रासदी तमाशा बन जाए! व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' July 6, 2025 व्यंग रचनाएं 1 Comment बाढ़ सिर्फ पानी नहीं लाती, संवेदनहीनता की परतें भी उघाड़ती है। “बाढ़ पर्यटन” एक ऐसी ही कड़वी सच्चाई को उजागर करती है जहाँ किट्टी पार्टी… Spread the love
बरसात में झीगुरों की आमसभा-हास्य-व्यंग्य Pradeep Audichya June 30, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments बारिश की रात झींगुरों की आवाज़ को कभी ध्यान से सुनिए – वो बस टर्राहट नहीं, एक आंदोलन की गूंज है। वे मंच पर अधिकारों… Spread the love
जब आप लड़की देखने जाए श्रीमान तो इन पांच बातों का रखें विशेष ध्यान Mukesh Rathor June 30, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments रोटी, कपड़ा, मकान के बाद अब नौकरी और छोकरी युवा की प्रमुख आवश्यकताएं बन गई हैं। लड़की देखने जाना शादी से पहले की सबसे बड़ी… Spread the love
काश मैं सामग्री विभाग का प्रमुख होता-डॉ शैलेश Dr Shailesh Shukla June 24, 2025 Blogs 0 Comments जब हम छोटे थे तो समझते थे कि सबसे ताकतवर लोग पुलिसवाले होते हैं, फिर बड़े हुए तो लगा कि मंत्री सबसे ताकतवर होते हैं।… Spread the love
मेडिकल का आँचलिक भाषा साहित्य – बिंब, अलंकारों, प्रतीकों से भरपूर डॉ मुकेश 'असीमित' June 8, 2025 Blogs 1 Comment “डॉक्टर साहब, आपकी पढ़ाई अपनी जगह… हम तो इसे ‘नस जाना’ ही मानेंगे!” ग्रामीण चिकित्सा संवादों में हर लक्षण का एक लोकनाम है — ‘चक… Spread the love
बेवकूफी – भारत का इकलौता प्रमाणित समाधान डॉ मुकेश 'असीमित' May 9, 2025 Blogs 0 Comments बेवकूफ बनना कोई साधारण काम नहीं, यह भी एक कला और तपस्या है, जिसमें सामने वाले को यह आभास भी न हो कि आप अभिनय… Spread the love