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Tag: caricature

"सड़क किनारे लोकतंत्र का प्रतीक कुत्ता पूँछ हिलाते हुए बैठा है, आसपास लोग बहस में उलझे हैं—कोई कुत्ता प्रेमी, कोई सुरक्षा चिंतित माता-पिता, तो कोई नगर निगम का अधिकारी।"

आवारा कुत्तों का लोकतंत्र-व्यंग्य रचना

“शहर की गलियों में लोकतंत्र आवारा कुत्ते के रूप में बैठा है। अदालत आदेश देती है, नगर निगम ठेका निकालता है, मोहल्ला समिति बहस करती…

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"कार्टून व्यंग्य चित्र: कृष्ण का बालरूप मक्खन हांडी तक हाथ बढ़ाता, और पास ही नेता, अफसर, व्यापारी माखन के बड़े-बड़े लड्डू खा रहे हैं; जनता माखन घिसते दिख रही है।"

माखन लीला-हास्य व्यंग्य रचना

कृष्ण की माखन लीला आज लोकतंत्र में रूप बदल चुकी है। जहाँ कान्हा चोरी से माखन खाते थे, वहीं आज सत्ता और समाज में सब…

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हास्य-व्यंग्य कार्टून जिसमें ChatGPT एक कंप्यूटर स्क्रीन से झोला-छाप डॉक्टर के रूप में बैठा है, मरीज की देसी बोली का शब्दशः अर्थ लेकर अजीबोगरीब इलाज सुझा रहा है, और मरीज़ हंसते-हंसते लोटपोट हो रहा है।

एआई का झोला-छाप क्लिनिक

तकनीक के झोला-छाप अवतार में ChatGPT ने मरीज की देसी बोली का ऐसा शब्दशः अर्थ निकाला कि इलाज से ज़्यादा हंसी आ गई। नमक बदलने…

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कार्टून में कोने में धूल खाती ट्रेडमिल, जिस पर कपड़े टंगे हैं और बच्चे उस पर खेल रहे हैं, सामने पेट सहलाता मालिक खड़ा है।

ट्रेडमिल : घर आया मेहमान-हास्य व्यंग्य रचना

ट्रेडमिल बड़े जोश से घर आया, पर महीने भर में कपड़े सुखाने का स्टैंड बन गया। जैकेट, साड़ियाँ, खिलौने सब उस पर लटकने लगे। वज़न…

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हार के बाद हताश नेता, कुर्सी पर ढहे हुए, चेहरे पर स्थायी उदासी, पोस्टर में झूठी जीत की घोषणा, बासी बर्फी पर मंडराती मक्खियाँ, और पीछे भैंस के तबेले में टिकट वापसी की प्रतीकात्मक राजनीतिक व्यथा।

हारे हुए प्रत्याशी की हाल-ए-सूरत-व्यंग्य रचना

चुनाव हारने के बाद नेताजी के चेहरे की मुस्कान स्थायी उदासी में बदल गई। कार्यकर्ता सांत्वनाकार बन चुके हैं, बासी बर्फी पर मक्खियाँ भिनभिना रही…

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A cartoon of two middle-aged men at a table—one cheerfully pointing upward while holding a paper, the other looking bored and annoyed with his head on his hand.

लिख के ले लो यार ..हास्य व्यंग्य रचना

हर मोहल्ले में एक ‘भविष्यवक्ता अंकल’ होते हैं—जो हर शुभ कार्य में अमंगल ढूँढने को व्याकुल रहते हैं। उनकी ज़ुबान पर एक ही ब्रह्मवाक्य रहता…

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A cheerful cartoon caricature of a middle-aged Indian man in a yellow shirt and dhoti, clapping joyfully with a wide smile and expressive eyes.

“मजे की राजनीति: भारतीय जीवन का मस्ती भरा दर्शन”

भारतीय आम आदमी की ज़िंदगी में काम नहीं, मज़ा ज़रूरी है। वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स उसे नहीं समझ पाया — लेकिन वो तो मस्ती के लिए…

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