गालों की लाली- हो गई गाली Ram Kumar Joshi October 20, 2025 संस्मरण 0 Comments “कभी सूर्योदय से पहले नहीं उठने वाले अब मुंह-अंधेरे ‘हेलो हाय’ करते जॉगिंग पर हैं। ट्रैक सूट, डियोडरेंट और महिला ट्रेनर ने जैसे रिटायरमेंट में… Spread the love
दिल का मामला है-हास्य व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' October 1, 2025 हास्य रचनाएं 0 Comments “दिल का मामला है जी – एक दिन में कहाँ सिमट पाता है! वैलेंटाइन डे ने तो पूरे सात दिन का सरकारी-सा कार्यक्रम बना दिया… Spread the love
Book Review of Roses and Thorns | Satire, Humor & Roses and Thorns डॉ मुकेश 'असीमित' August 22, 2025 Book Review 0 Comments The well-known humorist, blogger, and satirist Dr. Ankit Sharma—who is not just a “doctor by name” but also by profession—recently read my book Roses and… Spread the love
गिरने में क्या हर्ज़ है-किताब समीक्षा-प्रभात गोश्वामी डॉ मुकेश 'असीमित' July 15, 2025 Book Review 2 Comments डॉ. मुकेश असीमित का व्यंग्य संग्रह ‘गिरने में क्या हर्ज़ है’ न केवल भाषा की रवानगी दिखाता है, बल्कि विसंगतियों की गहरी पड़ताल भी करता… Spread the love