दिवाली के बाद-हास्य व्यंग्ग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' September 23, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments दिवाली के बाद—यह चार शब्द किसी भी अधूरे काम, टली हुई ज़िम्मेदारी और बचने की कला का ब्रह्मास्त्र हैं। शादी से लेकर कर्ज़ चुकाने तक,… Spread the love