नोबेल, भारतीय लेखक और वैश्विक संवाद की सीमाएँ डॉ मुकेश 'असीमित' October 16, 2025 समसामयिकी 0 Comments “भारतीय साहित्य में गहराई की कमी नहीं, पर संवाद और अनुवाद की दीवार उसे वैश्विक कानों तक पहुँचने नहीं देती। नोबेल से बड़ा है वह… Spread the love
मैं और मेरी हिंदी-व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' September 13, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments मैं, अंग्रेज़ी दवा लिखने वाला डॉक्टर, अब हिंदी में लिखने लगा तो शहर के ‘हिंदी प्रहरी’ गुरुजी मेरी हर पोस्ट में बिंदी-अनुस्वार ढूंढते फिरते हैं।… Spread the love