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श्री गणेश वंदना (shree ganesha vandana)
देवो में वह देव है ,पिता ताहि महादेव,
गोरी सुत को नमन है, प्रथम पूजनीय देव.
प्रथम पूजनीय देव की मूरत लागे प्यारी ,
मोदक मिश्री भोग,करे मुसक की सवारी .
रिध सिद्ध के दाता वो है भाग्य विधाता ,
सबके हरते कष्ट जो कोई उनको ध्याता .
‘प्रेमी’ प्रथम कार्य करने की मुझे प्रेरणा देव,
मंगल ही मंगल करते है देवो में वह देव.
Introduction of author

रचनाकार परिचय -महादेव प्रसाद गर्ग
साहित्यिक नाम-महादेव प्रेमी
जन्म स्थान-ग्राम परीता
स्थाई पता- संजय कालोनी गर्ग होस्पीटल गंगापुर सिटी ,स0 मा0 (राज0)322201
मोबाईल 9667627720
संप्रति:चिकित्सा कर्मी
कार्य क्षेत्र:चिकित्सा कार्य
लेखन विधा-गजल,गीत,कविता और पहेली लेखन आदि
प्रकाशन:(1)”बूझोबल” पहेली संग्रह
प्राप्त सम्मान:कई सामाजिक व साहित्यिक सम्मान प्राप्त
लेखनी उद्देश:सामाजिक विसंगतियों पर लिखना
प्रेरणा पुञ्ज:स्वयम एवम अन्य लेखक
रुचियां: साहित्य लेखन/अध्यापन

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