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रायता पुराण : रायता फ़ैल गया

“कार्टून छवि में बुफ़े प्लेट के कोने में सहमा हुआ छोटा कटोरा रायता, हाथ जोड़कर दया की प्रार्थना करता हुआ, चारों ओर व्यंजन शान से सजे और लोग उदासीनता से गुजरते।”

रायता पुराण : रायता फ़ैल गया

  • कुम्हड़ा-रायता – पीताभ, स्निग्ध और साधु-स्वभावी।
  • लौकी-रायता – ग्राम्य गृहिणियों का प्रिय, सहज-उपलब्ध और तृप्तिकारक।
  • फल-रायता – आधुनिक भोगियों के विलासी अलंकरण-सा, जिसमें सेव, द्राक्ष, अनार के दाने रत्नों की भाँति चमकते हैं।
  • पुदीना-रायता – शीतल, प्राणवर्धक और ग्रीष्म ऋतु का वरदान।
  • बूंदी-रायता – बरातों और लंगरों का प्राण। यह बारातियों और लंगरों में श्रद्धालुओं को खाद्य-सामग्री की सतत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए है। जैसे दाल में पानी का अनुपात बढाने से  काम चल जाता है, वैसे ही रायता भी संकटकाल की स्थिति में ,मेजबान की पतली हालत देख कर खुद पतला होकर भूख से व्याकुल बारातियों और श्रद्धालुओं की क्षुधा पूर्ति करता है।

 

डॉ. मुकेश असीमित—साहित्यिक अभिरुचि, हास्य-व्यंग्य लेखन, फोटोग्राफी और चिकित्सा सेवा में समर्पित एक संवेदनशील व्यक्तित्व।
डॉ. मुकेश असीमित
✍ लेखक, 📷 फ़ोटोग्राफ़र, 🩺 चिकित्सक

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