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Category: Blogs

“मध्यमवर्गीय शादी में ‘शोभा’ के नाम पर पंडाल, डीजे और ड्रोन कैमरा के बीच नाचते रिश्तेदारों का व्यंग्य चित्र।”

मध्यमवर्गीय शादियाँ : परंपरा, शोभा और तकनीक का तड़का

हमारे इलाक़े की मध्यमवर्गीय शादियाँ किसी भूले-बिसरे लोकगीत के रीमिक्स जैसी होती हैं — धुन परंपरा की, बोल नए ज़माने के। रिश्ता तय होने की…

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एक व्यंग्यात्मक कार्टून जिसमें लोकतंत्र की टूटी-फूटी गाड़ी आगे बढ़ रही है — बूढ़ा ड्राइवर “2047 का भारत” बोलते हुए स्टीयरिंग पकड़े है, जनता ठसाठस बैठी है, और टायरों में “वादे” भरे हैं। भोंपू पर लिखा है “मीडिया” और पीछे धूल उड़ती है।

लोकतंत्र की गाड़ी चल पड़ी, पम पम पम!

लोकतंत्र की गाड़ी पम-पम-पम करती आगे बढ़ रही है—टायरों में हवा नहीं, पर वादों की फुलावट है। ड्राइवर बूढ़ा है पर जीपीएस नया, जो सिर्फ…

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A humorous caricature of Indian women enjoying a “Kuttu Party” during fasting, sharing kuttu-based food while Brahma Ji watches from the clouds holding a bowl of flour, symbolizing a satirical take on religious fasting traditions.

कुट्टू पार्टी-हास्य व्यंग्य रचना

कुट्टू पार्टी”—व्रत की भूख और श्रद्धा का स्वादिष्ट संगम। यह कोई ‘किटी पार्टी’ नहीं, बल्कि सेंधा नमक और फलाहार के बीच पनपी भारतीय संस्कृति की…

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एक रंगीन सांस्कृतिक चित्र जिसमें भारत के विभिन्न हिस्सों — बिसरख, मंडोर, कांगड़ा, कांकेर — के लोग रावण की पूजा करते दिख रहे हैं, पीछे दशहरा के दृश्य में एक स्थान पर रावण दहन हो रहा है और दूसरे स्थान पर रावण की मूर्ति पर फूल चढ़ाए जा रहे हैं। यह भारत की सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक दृश्य है।

वे स्थान जहां नहीं किया जाता रावण दहन

विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘भोपाल’ का लेख “वे स्थान जहां नहीं किया जाता रावण दहन” भारतीय संस्कृति की विविधता और सहिष्णुता का जीवंत प्रमाण है। इसमें…

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"हास्यप्रद कार्टून कैरिकेचर जिसमें एक मिडिल क्लास आदमी पन्नी चढ़ा टीवी रिमोट पकड़े बैठा है, फ्रिज में एवोकाडो रखा है, दीवार पर दूध का हिसाब वाला कैलेंडर टंगा है और बिस्तर पर मोटी इंग्लिश किताब रखी है। व्यंग्यपूर्ण माहौल।"

अमीर दिखने का विज्ञान-हास्य व्यंग्य रचना

अमीर दिखना अब कोई मुश्किल नहीं, बस सही नुस्ख़े चाहिए। घर की सफ़ाई से लेकर कॉफी कप, फ्रिज के एवोकाडो और कॉलर वाले नाइट सूट…

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“व्यंग्यात्मक चित्रण – एक व्यक्ति गर्व से हाथ में आईफोन लिए मॉल में घूम रहा है, आईफोन जेब से झांक रहा है, और सामने एंड्रॉयड वाले लोग आश्चर्य व हीनभाव से देख रहे हैं।”

मैंने आईफोन क्यों लिया?-हास्य व्यंग्य रचना

“आईफोन क्यों लिया?” इस सवाल का जवाब तकनीकी फीचर्स नहीं, बल्कि स्वैग है। लेखक व्यंग्य में बताते हैं कि आईफोन खरीदने के बाद आत्मविश्वास भी…

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"एक रंगीन व्यंग्यात्मक लाइन–चित्र: मंच पर खाली कुर्सियाँ हैं, लेकिन मोबाइल स्क्रीन पर कवि ताज पहनकर बैठे हैं। एक तरफ फेसबुक कविराज अंगूठा उठाए दिख रहा है, ट्विटरबाज पक्षी के पंखों संग ट्वीट उगल रहा है, बीच में सेल्फी–क्वीन दण्डी पकड़े इठला रही है, और पीछे रसगुल्ला खाते कविगण मुस्कुरा रहे हैं। सत्य एक कोने में उदास बैठा जम्हाई ले रहा है।"

अथ खालीदास साहित्यकथा-हास्य व्यंग्य रचना

“अथ खालीदास साहित्यकथा” आज के साहित्य की खिचड़ी परोसती है। फेसबुकिये कविराज, ट्विटरबाज महंत, सेल्फी–क्वीन और रीलबाज कविगण – सब मंच से उतरकर मोबाइल स्क्रीन…

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कार्टून: मेले में ‘Made-in-Japan’ रावण का वाटरप्रूफ पुतला मंच पर चमक रहा है; सामने बच्चे खिलौने लेकर खुश, आयोजक चुपचाप चेक बाँटते; पुतले के पीछे छिपा एक मुस्कुराता शैडो-आदमी असली रावण को दर्शाता है — व्यंग्यात्मक और रंगीन।

कलियुग का रावण-व्यंग्य रचना

अख़बार ने लिखा — इस बार रावण ‘मेड-इन-जापान’! पुतला बड़ा, वाटरप्रूफ, और दोनों पैरों से वोट माँगने तैयार। हम रोते नहीं, तमाशा देखते हैं: रावण…

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"व्यंग्यात्मक कार्टून लाइन आर्ट: पति किताबों और कैमरे के कबाड़ को बचाने की कोशिश में, जबकि पत्नी दिवाली सफाई के नाम पर कबाड़ी बुलाने को तैयार। अलमारियों में साड़ियाँ, किताबें और कैमरे एक-दूसरे से भिड़े पड़े हैं।"

दिवाली की सफाई: घर, किताबें और कबाड़ी वाला – एक व्यंग्य

दिवाली का असली मतलब घर की महिलाओं के लिए सफाई है। और सफाई सिर्फ झाड़ू-पोंछा नहीं, बल्कि पति के शौक की चीज़ों को कबाड़ी वाले…

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“लाइन-आर्ट कार्टून जिसमें डीजे की तेज़ धुन पर लोग डांडिया खेल रहे हैं, माँ दुर्गा की मूर्ति प्रायोजक बैनरों के पीछे दब गई है, बाहर पानी भराव और ट्रैफ़िक, और लोग सेल्फ़ी ले रहे हैं—उत्सव की चमक में छुपी विडंबना।”

गरबा का थोथा गर्व-व्यंग्य रचना

नवरात्रि आते ही शहर गरबा-डांडिया के बुखार में तपने लगता है। भक्ति पीछे, डीजे आगे—फ़ैशन शो, सेल्फ़ी, और सार्वजनिक रोमांस! माँ दुर्गा कोने में दो…

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