रिश्ते -कविता हिंदी रचियता महादेव प्रेमी Hindi Poem Rishte Mahadev Prashad Premi May 1, 2024 Hindi poems 0 Comments जब रिश्तों में स्वार्थ और लोभ का ज़हर घुल जाता है, तब वर्षों से सहेजे संबंध भी टूटने लगते हैं। मनुष्यता की नींव पर जब… Spread the love
अंतर्द्वंद -कविता रचना -डॉ मुकेश डॉ मुकेश 'असीमित' March 26, 2024 Poems 0 Comments अंतर्द्वंद का यह संसार, मन के विराट आकाश में, जहाँ चिंतन की गहराइयों में बसती है एक अनकही पीड़ा। मनुष्य की अनगिनत अपेक्षाएँ, समाज के… Spread the love
तेरा दुःख तेरा ही होगा-कविता रचना-डॉ मुकेश गर्ग डॉ मुकेश 'असीमित' March 19, 2024 Poems 0 Comments “तेरा दुःख तेरा ही होगा “इस कविता के माध्यम से, यथार्थ को अपनाने और स्वयं के साथ खड़े होने की प्रेरणा देने का प्रयास किया… Spread the love
अहसास कविता-रचनाकार डॉ मुकेश गर्ग डॉ मुकेश 'असीमित' March 18, 2024 Book Review 0 Comments अहसास की इस विस्तृत वादी में, जहाँ कण कण में सुकून का सागर छिपा है,वहाँ एक परिंदा, अपने अस्तित्व की छाया में, स्वच्छंद उड़ान भरना… Spread the love
Deepak-Hindi poem दीपक हिंदी कविता Mahadev Prashad Premi August 4, 2021 Hindi poems 0 Comments दीपक मिट्टी का बना हो,या सोने का,रोशनी कितनी देता है,सवाल है इस वात का,कोई धनी हो या गरीव,मुसीवत में कितना हो करीव,महत्व है इस वात… Spread the love
‘ परिस्तिथी ‘ Hindi Kavita-Mahadev Premi Mahadev Prashad Premi July 28, 2021 Hindi poems 0 Comments कहा जाता है समय और परिस्थिति सदैव पक्ष में हो ज़रूरी नहीं!हमारा नज़रिया जैसा होता है व्यवहार भी उसी तरह का होने लगता है |… Spread the love
तैरना नहीं आता -कविता हिंदी-रचियता महादेव प्रेमी Mahadev Prashad Premi July 28, 2021 Hindi poems 0 Comments एस अकबरी ने कहा है की तैरना नहीं आता तुम्हे और इल्जाम पानी पर लगाते हो. कविता के माध्यम से लेखक ने इस सांकेतिक भाषा… Spread the love
रिश्ते -Relationship कविता हिंदी में -रचियता महादेव प्रेमी Mahadev Prashad Premi July 28, 2021 Hindi poems 0 Comments कहते है रिश्तों की बगिया में एक रिश्ता नीम के पेड़ जैसा भी रखना, जो सीख भले ही कड़वी देता हो पर तकलीफ में मरहम… Spread the love
कोयला -हिंदी कविता- रचियता महादेव प्रेमी Mahadev Prashad Premi July 25, 2021 Hindi poems 0 Comments मनुष्य जीवन की उन्नति संगति से ही होती है। संगति से उसका स्वभाव परिवर्तित हो जाता है। संगति ही उसे नया जन्म देता है। जैसे,… Spread the love
Chinta -चिंता हिंदी कविता-रचियता-महादेव प्रेमी Mahadev Prashad Premi July 25, 2021 Hindi poems 1 Comment चिंता की एक बहुत ही उपयुक्चित व्याख्या विकिपीडिया से ली गयी है “एक भविष्य उन्मुख मनोदशा है, जिसमें एक व्यक्ति आगामी नकारात्मक घटनाओं का सामना… Spread the love