मैं झूठ की तलाश में हूँ-कविता रचना

मैं झूठ की तलाश में हूँ”

मैं सच की तलाश में नहीं निकला,
क्योंकि सच अब
दीवार पर टंगे कैलेंडर-सा है—
हर महीना बदले, पर तारीखें वही रहें।

मैं निकला झूठ की तलाश में—
उस झूठ की,
जिसे आईने ने चेहरे की तरह ओढ़ लिया,
और लोगों ने उसे
सच मानकर काजल की तरह आँखों में बसा लिया।

मैं खोज रहा हूँ
वो झूठ, जो
प्रार्थनाओं और सजदों में  दोहराया गया,
सड़क , संसदों और टीवी डिबेटों में
जिसे ‘जन-भावना’ कहा गया।

मैं उस झूठ के पीछे हूँ
जिसे बच्चे की किताब में
‘राष्ट्रगान’ बनाकर छापा गया,
और पाठशाला ने कहा—
“यह तुम्हारा भविष्य है।”

मैं ढूँढ रहा हूँ
वह झूठ जो सच से ज़्यादा
संवेदनशील, आकर्षक और भरोसेमंद बन बैठा,
जो आँखों में नहीं
श्रद्धा में उतरा
और सवालों को
देशद्रोह ठहरा दिया।

मैं सच की नहीं,
उस झूठ की तलाश में हूँ
जो चिपका हुआ है चेहरे पर मुस्कान की तरह ,
लेकिन दिल के भीतर
क्रोध का कैन्सर उगाता है।

जिसे हर बार
Breaking News कहकर परोसा गया
और हम चुपचाप खाते रहे
जैसे कोई मंदिर का प्रसाद।


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डॉ मुकेश 'असीमित'

डॉ मुकेश 'असीमित'

लेखक का नाम: डॉ. मुकेश गर्ग निवास स्थान: गंगापुर सिटी,…

लेखक का नाम: डॉ. मुकेश गर्ग निवास स्थान: गंगापुर सिटी, राजस्थान पिन कोड -३२२२०१ मेल आई डी -thefocusunlimited€@gmail.com पेशा: अस्थि एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ लेखन रुचि: कविताएं, संस्मरण, व्यंग्य और हास्य रचनाएं प्रकाशित  पुस्तक “नरेंद्र मोदी का निर्माण: चायवाला से चौकीदार तक” (किताबगंज प्रकाशन से ) काव्य कुम्भ (साझा संकलन ) नीलम पब्लिकेशन से  काव्य ग्रन्थ भाग प्रथम (साझा संकलन ) लायंस पब्लिकेशन से  अंग्रेजी भाषा में-रोजेज एंड थोर्न्स -(एक व्यंग्य  संग्रह ) नोशन प्रेस से  –गिरने में क्या हर्ज है   -(५१ व्यंग्य रचनाओं का संग्रह ) भावना प्रकाशन से  प्रकाशनाधीन -व्यंग्य चालीसा (साझा संकलन )  किताबगंज   प्रकाशन  से  देश विदेश के जाने माने दैनिकी,साप्ताहिक पत्र और साहित्यिक पत्रिकाओं में नियमित रूप से लेख प्रकाशित  सम्मान एवं पुरस्कार -स्टेट आई एम ए द्वारा प्रेसिडेंशियल एप्रिसिएशन  अवार्ड  ”

Comments ( 4)

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डॉ मुकेश 'असीमित'

5 months ago

बहुत बहुत आभार

मीनाक्षी आनंद

5 months ago

सामाजिक और राजीएंतिक परिवेश पर तीखा व्यंग्य करती आपकी रचना..वाह मुकेश जी

bhavesh

5 months ago

This is ultimate

pavan

5 months ago

this is good