“नया सवेरा”
कुण्डली 6चरण
नया सवेरा उठ रही,अरुण किरण की आभ,
सो कर सव उठने लगे,लिए नींद का लाभ,
लिए नींद का लाभ,सभी आलस्य भगाओ,
नित्य कर्म को साथ,लेय दिनचर्य बनाओ,
“प्रेमी”जलते दीप,कर रहे दूर अंधेरा,
जीवन में कुछ करो,होय नित नया सवेरा।
रचियता-महादेव प्रेमी

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