रिश्ते आईसीयू में-व्यंग्य लघु कथा डॉ मुकेश 'असीमित' August 28, 2025 लघु कथा 4 Comments शहर के सात सितारा आईसीयू के बाहर रिश्तेदार चाय की चुस्कियों और तानों में लगे हैं। अमन का दिल पिता की वेंटिलेटर पर गिनती करती… Spread the love
मूषक राज स्तुति-हास्य व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' August 27, 2025 हास्य रचनाएं 0 Comments गणेश चतुर्थी पर जहाँ सब गणपति की स्तुति करते हैं, वहीं उनके वाहन मूषकराज की महिमा भी अद्वितीय है। छोटे आकार में विराट शक्ति का… Spread the love
चंदागिरी –चौथ वसूली-व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' August 27, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments शहर में चंदागिरी का धंधा खूब फल-फूल रहा है—यह दरअसल हफ्तावसूली का ही सभ्य संस्करण है। देवी-भक्त मंडल से लेकर राम-गौ-गणेश मंडल तक सबके चूल्हे… Spread the love
किसी के लिए मरना आसान नहीं होता -कविता रचना Vidya Dubey August 26, 2025 Poems 2 Comments जीवन की कठिनाइयाँ कभी धूप की तपिश, कभी आँधियों की मार, तो कभी अपनों की बेरुख़ी के रूप में सामने आती हैं। हारना आसान है,… Spread the love
डूबने की फिलासफी-छंद रचना Ram Kumar Joshi August 26, 2025 Hindi poems 6 Comments डॉ. राम कुमार जोशी की कविता डूबने की फिलॉसफी जीवन के गहन व्यंग्य को सरल शब्दों में उभारती है। जीवित व्यक्ति काम-क्रोध-अभिमान के भार से… Spread the love
चाय ,दाल और बीबी-हास्य व्यंग्य रचना Ram Kumar Joshi August 25, 2025 हास्य रचनाएं 0 Comments चाय, दाल और बीबी—तीनों का स्वभाव है उबलना और देर तक उबलना। ठीक से न उबले तो न स्वाद, न खुशबू और न कड़कपन। चाय… Spread the love
आ गए मेरी शादी का तमाशा देखने!-हास्य व्यंग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' August 25, 2025 हास्य रचनाएं 0 Comments “आ गए मेरी शादी का तमाशा देखने! नाना पाटेकर की झुंझलाहट, दूल्हे का डर और रिश्तेदारों की हंसी—पूरा दृश्य किसी फिल्मी फाँसी के सीन जैसा… Spread the love
मैं और मेरा मोटापा – एक प्रेमकथा डॉ मुकेश 'असीमित' August 23, 2025 हास्य रचनाएं 5 Comments “मैं और मेरा मोटापा – एक प्रेमकथा” में तोंद और इंसान का रिश्ता मोहब्बत जैसा दिखाया गया है। पड़ोसी शर्मा जी की खीझ, रिश्तेदारों की… Spread the love
Book Review of Roses and Thorns | Satire, Humor & Roses and Thorns डॉ मुकेश 'असीमित' August 22, 2025 Book Review 0 Comments The well-known humorist, blogger, and satirist Dr. Ankit Sharma—who is not just a “doctor by name” but also by profession—recently read my book Roses and… Spread the love
आराम करो –आराम में ही राम बसा है-हास्य-व्यंग्य डॉ मुकेश 'असीमित' August 22, 2025 हास्य रचनाएं 3 Comments भागम-भाग की ज़िंदगी का असली गणित है—भाग को भाग दो, और उत्तर आएगा ‘आराम’। खाट पर लेटना, कम्बल में दुनिया की फिक्र लपेटना ही असली… Spread the love