मोगली आज़म -लघु नाटिका Ram Kumar Joshi September 12, 2025 हास्य रचनाएं 0 Comments मोगली सल्तनत का दरबार दो सदियों के बीच झूला झूलता है—एक ओर शाही खंजर, सुराही, घूंघरू; दूसरी ओर जींस, बीयर, पिज़्ज़ा और जिम। बादशाह की… Spread the love
टिकट विंडो की लाइन : व्यंग रचना -डॉ मुकेश गर्ग डॉ मुकेश 'असीमित' May 17, 2024 व्यंग रचनाएं 0 Comments “रेलवे की लाइनों में जीवन के उतार-चढ़ाव की गाथा: प्रौद्योगिकी और व्यवहार की चुनौतियों के बीच, सामाजिक चेहरा और व्यक्तिगत जद्दोजहद का आईना।” रेलवे के… Spread the love