दिवाली के बाद-हास्य व्यंग्ग्य रचना डॉ मुकेश 'असीमित' September 23, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments दिवाली के बाद—यह चार शब्द किसी भी अधूरे काम, टली हुई ज़िम्मेदारी और बचने की कला का ब्रह्मास्त्र हैं। शादी से लेकर कर्ज़ चुकाने तक,… Spread the love
जमाई राजा—कलियुग के कौवे डॉ मुकेश 'असीमित' September 12, 2025 हास्य रचनाएं 1 Comment श्राद्ध पक्ष में कौवों की कमी ने परम्पराओं को भी स्टार्टअप बना दिया। अब्दुल चाचा दो कौवे पालकर खीर चखवाने का 101 रुपये वाला ‘डिलीवरी… Spread the love
“वर्चुअल पूजा वाली बहुएं”-हास्य-व्यंग्य Vivek Ranjan Shreevastav July 1, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments आधुनिक भारतीय परिवारों में उभरती वर्चुअल पूजा की परंपरा को दर्शाता है, जहाँ सास और बहू तकनीक के माध्यम से पूजा में जुड़ी हैं —… Spread the love
श्रद्धा, सायकोसिस और स्टेथोस्कोप Dr Amit Goyal June 22, 2025 हिंदी कहानी 4 Comments मैंने अपने क्लीनिक में प्रवेश किया। कई मरीज़ विश्राम कक्ष में बैठे हुए थे। कुछ के चेहरे पर संतोष था—शायद मेरे इलाज से उन्हें लाभ… Spread the love