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Tag: dr mukesh aseemit

एक अकेले डॉक्टर की छाया, हाथ में सर्जरी का औजार, पृष्ठभूमि में अस्पताल की हलचल, चेहरे पर थकान और उदासी, आँखों में अनकही वेदना।

एक डॉक्टर की अंतर्वेदना-कविता-बात अपने देश की

एक डॉक्टर की आत्मा में दबी हुई करुण पुकार — जो हर दिन दूसरों के लिए जीवन की लड़ाई लड़ता है, पर खुद की वेदना…

एक साहित्यकार ट्रॉफी पकड़े संकोच में मुस्कुराते हुए, पीछे अलमारी में चमचमाता पुरुष्कार रखा है, सामने बब्बन चाचा तिरछी नजरों से पूछते—कहाँ से जुगाड़ किया?"

पुरुष्कार का दर्शन शास्त्र

पुरस्कारों की चमक साहित्यकारों को अक्सर पितृसत्ता की टोपी पहना देती है। ये ‘गुप्त रोग’ बनकर छिपाया भी जाता है और पाया भी जाता है,…