प्रकाश है सनातन-कविता रचना
“बहती प्रकाश की ओर अगर है ज़िंदगी, तो हर अंधकार भी एक पड़ाव मात्र है। जो दीप भीतर जलता है — वही अमर है, वही सत्य है, वही जीवन का उजास।”
“बहती प्रकाश की ओर अगर है ज़िंदगी, तो हर अंधकार भी एक पड़ाव मात्र है। जो दीप भीतर जलता है — वही अमर है, वही सत्य है, वही जीवन का उजास।”
Life’s lessons carve resilience: smiling through pain, embracing wounds, and moving forward without complaint. This reflective piece captures the journey of learning to live with hidden sorrow, transforming agony into strength. It is about finding peace within, beyond grief and betrayal, by carrying every wound with quiet dignity.
आज जब कोरोना रूपी महामारी में सभी जगह निरशा और अनिष्चितता का अंधेरा छाया हुआ है। ऐसे में एक पुरानी फ़िल्म बातो बातो में का यह गाना शायद आपको जरूर एक आशावान ऊर्जा से भर देगा। आप इस गाने को एक बार अवश्य सुने । आप इसे खुद भी गुनगुनाये। मेरा दावा है यह गाना […]