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Tag: karma

“अग्नि के यज्ञकुण्ड से उठते स्वर्णिम मंत्र, आकाश में तारामंडल देवताओं की उपस्थिति, एक ऋषि यजुर्वेद का पाठ करते हुए, नदीयां आहुति की धाराओं में बदलती हुईं, और धरती-आकाश के बीच संतुलन का दिव्य चक्र।”

यजुर्वेद: कर्म, यज्ञ और जीवन संतुलन का शाश्वत वेद

यजुर्वेद कर्म और यज्ञ का वेद है। यह हमें बताता है कि जीवन का हर कार्य एक यज्ञ है—घर चलाना, समाज सेवा करना या प्रकृति…

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Karma-poem-Hindi

“कुण्डली” 6चरण “कर्म”_हिंदी कविता महादेव “प्रेमी “

कर्म गठरिया लाद कर,जग फिर है इन्सान,जैसा कर वैसा भरे,विधि का यही विधान,विधि का यही विधान,कर्म से सव कुछ आवै,दुख से बदले सुख,सभीविपदा टल जावै,कर्म…

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