“बर्षा” हिंदी कविता

वर्षा का मौसम है ,इस सुहाने मौसम को समर्पित कुंडीली विधा रचित ये कविता पाठको के लिए प्रस्तुत है

“बर्षा”
कुण्डली6चरण

वर्षा का रुख हो गया,घटा घिरी चहुँ ओर,
तड तड झड़ झड़ गरज कर,बादल करते शोर।

बादल करते शोर,नदी तालाव भर रहे,
पशु पक्षी मानव भी,सव घर में हि दुवक रहे,

“प्रेमी”उठी उमंग,किसानों का मन हर्षा,
बंधी आस चहुँ ओर,कि अब ये आयी बर्षा।

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Mahadev Prashad Premi

साहित्यिक नाम-महादेव प्रेमी जन्म स्थान-ग्राम परीता स्थाई पता- संजय कालोनी…

साहित्यिक नाम-महादेव प्रेमी जन्म स्थान-ग्राम परीता स्थाई पता- संजय कालोनी गर्ग होस्पीटल गंगापुर सिटी ,स0 मा0 (राज0)322201 मोबाईल 9667627720 संप्रति:चिकित्सा कर्मी कार्य क्षेत्र:चिकित्सा कार्य लेखन विधा-गजल,गीत,कविता और पहेली लेखन आदि प्रकाशन:(1)”बूझोबल” पहेली संग्रह प्राप्त सम्मान:कई सामाजिक व साहित्यिक सम्मान प्राप्त लेखनी उद्देश:सामाजिक विसंगतियों पर लिखना प्रेरणा पुञ्ज:स्वयम एवम अन्य लेखक रुचियां: साहित्य लेखन/अध्यापन

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