Login    |    Register
Menu Close

“बर्षा” हिंदी कविता

वर्षा हिंदी कविता

वर्षा का मौसम है ,इस सुहाने मौसम को समर्पित कुंडीली विधा रचित ये कविता पाठको के लिए प्रस्तुत है

“बर्षा”
कुण्डली6चरण

वर्षा का रुख हो गया,घटा घिरी चहुँ ओर,
तड तड झड़ झड़ गरज कर,बादल करते शोर।

बादल करते शोर,नदी तालाव भर रहे,
पशु पक्षी मानव भी,सव घर में हि दुवक रहे,

“प्रेमी”उठी उमंग,किसानों का मन हर्षा,
बंधी आस चहुँ ओर,कि अब ये आयी बर्षा।

unique metal handicrafts for wall home office decor
unique metal handicrafts for wall home office decor

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *