Login    |    Register
Menu Close

बरसात की बूंदे -कविता-रचना

A romantic, abstract painting of a couple embracing in gentle rain under a moody sky. Each raindrop glows like liquid poetry, symbolizing the tender emotions, new hopes, and the enduring beauty of love expressed in every droplet.

बरसात की बूंदे **
बरसात की धीमे से गिरती बूँदें,
मानो धरती को एक प्रेम पत्र लिखा जा रहा हो।
मैं और तुम, इस अमृतमयी प्रभात के साक्षी,
जहां हर बूँद में छिपी एक कहानी, एक गीत।
वह बूँद जो तुम्हारी पलकों पर ठहरी,
वो रूपक बन गया जीवन के संघर्षों का।
मेरी बातें, तुम्हारे शब्द,
मानो व्यंजना बन जोड़ रही हो दो आत्माओं को।
क्या देख रहे हो इस पानी का चंचल नाच?
इसकी मासूम नादानी और अठखेलियों को ,
जैसे तुम्हारी मुस्कान में खिल रहा है
खुशी का अप्रतिम सौन्दर्य ।
बरसात का यह मौसम, ये रिमझिम फुहारें,
साक्षी हैं हमारी प्रेम कथा के,
जिसमें हर शब्द, हर वाक्य बुन रहा है
है आशाओं का परिधान ।
मैं और तुम, इस बारिश में भीगते हुए,
नये सपने, नयी आशाएँ, नयी उम्मीदें बुनते हुए।
जैसे नव वर्षा की बूँदें,
लिख रहीं हों हमारे प्रेम की नयी इबारत।
यह कविता नहीं, मानो है एक दीपक ,
जो अंधेरों में भी चमकता रहेगा तुम्हरे साथ ,
और बारिश की हर एक बूँद,
देती जाएगी प्रेम को नयी समृद्धि ।
स्वरचित-डॉ मुकेश असीमित

— डॉ. मुकेश ‘असीमित’

📚 मेरी व्यंग्यात्मक पुस्तकें खरीदने के लिए लिंक पर क्लिक करें – “Girne Mein Kya Harz Hai” और “Roses and Thorns
Notion Press –Roses and Thorns

📧 संपर्क: [email protected]

📺 YouTube Channel: Dr Mukesh Aseemit – Vyangya Vatika
📲 WhatsApp Channelडॉ मुकेश असीमित 🔔
📘 Facebook PageDr Mukesh Aseemit 👍
📸 Instagram PageMukesh Garg | The Focus Unlimited 🌟
💼 LinkedInDr Mukesh Garg 🧑‍⚕️
🐦 X (Twitter)Dr Mukesh Aseemit 🗣️

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *