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Category: हिंदी लेख

       रावण का दशहरा-व्यंग्य कथा

दशहरे की शाम थाने में बैठे नशे में धुत्त दारोगा ने चौकीदार से पूछा — “गांव में क्या चल रहा है?” चौकीदार बोला — “हुजूर,…

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कार्टून कैरिकेचर में मोहल्ले की आंटियां लैपटॉप व मोबाइल से कन्याओं की बुकिंग करती दिख रही हैं, पीछे पोस्टर लटका है — “Kanjakkart.com – Slot Booking Open.” कुछ कन्याएं मिनी यूनियन बैनर पकड़े खड़ी हैं जिस पर लिखा है “₹100 से कम दक्षिणा नहीं।” एक पंडित गूगल कैलेंडर नोटिफिकेशन देखकर पूजा की तैयारी कर रहा है।

कन्याओं का स्लॉट सिस्टम: अब देवी भी अपॉइंटमेंट से आती हैं!

नवरात्रों का ‘कन्या पूजन’ अब लॉजिस्टिक ऑडिट बन चुका है। मोहल्ले की आंटियां कन्या खोज में परेशान, तो युवाओं ने लॉन्च किया kanjakkart.com — जहाँ…

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Surreal abstract scene showing a radiant bridge joining East and West, four luminous rivers named for the four yogas merging into a central sun, determined youth silhouettes with lion-like heartbeat lines, and serving hands transforming into a temple bell—symbolizing Vivekananda’s call to rise, awaken, and serve.

उठो, जागो: विवेकानंद का व्यावहारिक वेदांत—युवाओं के लिए जीवन-मंत्र

विवेकानंद का संदेश युवाओं को भीतर की अनंत शक्ति पहचानने, निडर होकर लक्ष्य चुनने और सेवा को पूजा मानने का आह्वान है। व्यावहारिक वेदांत बताता…

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“अग्नि के यज्ञकुण्ड से उठते स्वर्णिम मंत्र, आकाश में तारामंडल देवताओं की उपस्थिति, एक ऋषि यजुर्वेद का पाठ करते हुए, नदीयां आहुति की धाराओं में बदलती हुईं, और धरती-आकाश के बीच संतुलन का दिव्य चक्र।”

यजुर्वेद: कर्म, यज्ञ और जीवन संतुलन का शाश्वत वेद

यजुर्वेद कर्म और यज्ञ का वेद है। यह हमें बताता है कि जीवन का हर कार्य एक यज्ञ है—घर चलाना, समाज सेवा करना या प्रकृति…

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एक अद्भुत दृश्य जिसमें जीवन का वृक्ष चमकते जड़ी-बूटियों से बना है, उसकी शाखाओं पर मंत्रों की उजली लिपि चमक रही है। वृक्ष के नीचे ध्यानरत व्यक्ति के चारों ओर सुनहरा सुरक्षा-कवच है। एक परिवार सकारात्मक ऊर्जा के गुम्बद के भीतर एकजुट खड़ा है। आकाश में ओंकार की तरंगें फैल रही हैं और तारों से यंत्राकार आकृतियाँ बन रही हैं।

अथर्ववेद : जीवन, स्वास्थ्य, प्रेम, संरक्षण और ब्रह्मांडीय ज्ञान

अथर्ववेद जीवन का सबसे व्यावहारिक वेद है—जहाँ स्वास्थ्य के लिए औषधियों और मंत्रों का संगम मिलता है, रिश्तों को संवारने के सूत्र हैं, भय और…

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"Abstract illustration of democracy and demography in India, showing a balance scale with diverse communities on one side and a glowing ballot box on the other, against a surreal background of shifting population patterns."

वास्तविक डेमोक्रेसी तभी जब वह सायास डेमोग्राफी बदले बिना हो

लोकतंत्र का आधार जनता का शासन है, परंतु जब जनसंख्या की संरचना बदलती है तो लोकतंत्र का संतुलन डगमगाने लगता है। भारत जैसे विविध देश…

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“एक अमूर्त-अलौकिक चित्र जिसमें केंद्र में दीप्तिमान यज्ञ-कुंड है। उससे सुनहरी ध्वनि-तरंगें निकलकर नदियों, हवा और आकाश में घुल जाती हैं। बादलों में बिजली इंद्र का संकेत देती है, लौ में अग्नि का रूप है, चमकती धारा सोम का बोध कराती है, क्षितिज पर सूर्य और गुलाबी उषा झलकते हैं। संपूर्ण दृश्य तांबे-सोने, इंडिगो और टील रंगों में, सूक्ष्म वेदिक मण्डल आकृतियों और सितारों के साथ।”

“ऋग्वेद: ज्ञान के आदिम सागर की यात्रा”

भाग 1 कल्पना कीजिए वह समय, जब हाथ में कलम नहीं, कंधों पर कथा थी; जब ज्ञान कागज़ पर नहीं, स्मृति की नसों में दौड़ता…

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तारों भरे आकाश में OM की तरंगें फैलती हुईं; सात चमकते सुर नक्षत्रों की तरह तैर रहे हैं; एक ध्यानमग्न उद्गाता यज्ञाग्नि के पास गा रहा है; नदी संगीत की पाँच रेखाओं में बदलती है; मंदिर की घंटियाँ तरंगाकार प्रकाश बनकर वातावरण में घुलती हैं—समग्र दृश्य में रहस्यमय, सौम्य, और आध्यात्मिक आभा।

सामवेद—नाद ब्रह्म, ध्वनि से समाधि तक

सामवेद हमें सिखाता है कि शब्द तभी पूर्ण होते हैं जब वे सुर और लय में ढलकर कंपन बनें—वही कंपन मन को विन्यस्त करता है,…

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