उत्सवों का देश: स्मृति से पुनर्जागरण तक डॉ मुकेश 'असीमित' October 24, 2025 Culture 0 Comments “कभी ‘यंतु, नजिक, चियां-चुक’—स्वर्ग के केंद्र—कहलाने वाली धरती आज अपने ही लोक-उत्सव भूल रही है। देव उठान एकादशी हमें याद दिलाती है कि रोशनी बिजली… Spread the love
भाईदूज — तिलक की रेखा में स्नेह, उत्तरदायित्व और रोशनी डॉ मुकेश 'असीमित' October 23, 2025 India Story 0 Comments “भाईदूज सिर्फ़ माथे का तिलक नहीं, रिश्ते की आत्मा में बसे भरोसे का पुनर्स्मरण है।” “जब बहन तिलक लगाती है, वह केवल दीर्घायु नहीं मांगती—वह… Spread the love
अन्नकूट महाप्रसाद — स्वाद, परंपरा और साझेपन की कथा डॉ मुकेश 'असीमित' October 22, 2025 Culture 0 Comments दीवाली और गोवर्धन के बीच का दिन केवल त्योहार का अंतराल नहीं, बल्कि साझेपन की परंपरा का उत्सव है। पहले अन्नकूट में हर घर का… Spread the love
गोवर्धन पूजा — धरती, धारण और धारणा का उत्सव डॉ मुकेश 'असीमित' October 21, 2025 Important days 0 Comments गोवर्धन लीला केवल एक पौराणिक प्रसंग नहीं, बल्कि मानव चेतना की यात्रा है—जहाँ कृष्ण भक्त के रक्षक, गुरु और प्रेमस्वरूप हैं। इंद्र का गर्व, ब्रजवासियों… Spread the love
विवेकानंद और आधुनिक प्रायोगिक वेदान्त की प्रासंगिकता डॉ मुकेश 'असीमित' October 21, 2025 हिंदी लेख 0 Comments स्वामी विवेकानंद ने वेदान्त को ग्रंथों से निकालकर जीवन के प्रत्येक कर्म में उतारा — उन्होंने कहा, “यदि वेदान्त सत्य है, तो उसे प्रयोग में… Spread the love
प्रकाश है सनातन-कविता रचना Prahalad Shrimali October 20, 2025 Hindi poems 0 Comments “बहती प्रकाश की ओर अगर है ज़िंदगी, तो हर अंधकार भी एक पड़ाव मात्र है। जो दीप भीतर जलता है — वही अमर है, वही… Spread the love
गालों की लाली- हो गई गाली Ram Kumar Joshi October 20, 2025 संस्मरण 0 Comments “कभी सूर्योदय से पहले नहीं उठने वाले अब मुंह-अंधेरे ‘हेलो हाय’ करते जॉगिंग पर हैं। ट्रैक सूट, डियोडरेंट और महिला ट्रेनर ने जैसे रिटायरमेंट में… Spread the love
दीपावली — अंधकार के गर्भ से ज्योति का जन्म डॉ मुकेश 'असीमित' October 20, 2025 Important days 1 Comment “दीपावली अमावस्या की निस्तब्धता से जन्मी वह ज्योति है जो केवल घर नहीं, हृदय की गुफाओं को आलोकित करती है। यह बाह्य उत्सव से अधिक… Spread the love
नरक चतुर्दशी — रूप, ज्योति और आत्म-शुद्धि की यात्रा डॉ मुकेश 'असीमित' October 18, 2025 Important days 0 Comments “नरक चतुर्दशी केवल एक तिथि नहीं, बल्कि भीतर के नरक से मुक्ति का पर्व है। यह मन की अंधकारमय प्रवृत्तियों से प्रकाशमय चेतना की ओर… Spread the love
जीनीयस जनरेशन की ‘लोल’ भाषा Vivek Ranjan Shreevastav October 18, 2025 व्यंग रचनाएं 0 Comments “जेन ज़ी की ‘लोल भाषा’ ने व्याकरण के सिंहासन को हिला दिया है। अब भाषा नहीं, भावना प्राथमिक है। अक्षरों का वजन घट रहा है,… Spread the love