“मच्छर दानी” हिंदी कविता

“मच्छर दानी”
कुण्डली 6चरण

मच्छर दानी बन गयी, मच्छर से हिफाजत,
ये अंदर नहीं घुसते,इसकी बिन इजाजत,

इसकी बिन इजाजत,कि नींद मजे की आती,
साफ़ सफइ नहिं होय,कभी तो ज्वर हो जाती,

“प्रेमी”नीम हकीम,आदि करते मनमानी,
नीम गिलोय तुलसी,संग रखो मच्छर दानी।

रचियता -महादेव प्रेमी

Mahadev Prashad Premi

साहित्यिक नाम-महादेव प्रेमी जन्म स्थान-ग्राम परीता स्थाई पता- संजय कालोनी…

साहित्यिक नाम-महादेव प्रेमी जन्म स्थान-ग्राम परीता स्थाई पता- संजय कालोनी गर्ग होस्पीटल गंगापुर सिटी ,स0 मा0 (राज0)322201 मोबाईल 9667627720 संप्रति:चिकित्सा कर्मी कार्य क्षेत्र:चिकित्सा कार्य लेखन विधा-गजल,गीत,कविता और पहेली लेखन आदि प्रकाशन:(1)”बूझोबल” पहेली संग्रह प्राप्त सम्मान:कई सामाजिक व साहित्यिक सम्मान प्राप्त लेखनी उद्देश:सामाजिक विसंगतियों पर लिखना प्रेरणा पुञ्ज:स्वयम एवम अन्य लेखक रुचियां: साहित्य लेखन/अध्यापन

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