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‘ जुवान को समेट कर रखें ‘-Hindi poem

Jubaan ko samet kar -hindi kavita

‘ जुवान को समेट कर रखें ‘

जुवान पर लगाम और
फलों में आम,
ये श्रेष्ठ माने जाते है,

किसी ने क्या खूव कहा है,
लम्वा धागा और लम्वी जुवान,
हमेशा उलझ जाती है,

इसलिये धागे को लपेट कर,
और जुवान को समेट कर रखें ।

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