“आलोचना प्रशंसा” हिंदी कविता महादेव प्रेमी

“आलोचना प्रशंसा”
कुण्डली 8 चरण

आलोचना अरु प्रशंसा,एक दूजे विपरीत,
करते सव ही है सदा,यह दुनियां की रीत,

यह दुनियां की रीत,न रीझ प्रशंसा सुनकर,
निंदा कोई करै,कभी नहिं बोल उवल कर,

स्तुती करने वालों, को मौका ना मिलेगा,
निंदा करने चले,उ का सर ज़मीं झुकेगा,

“प्रेमी” जग की रीत,देख मैंने की मन्शा,
रीझो उवलो नांहि ,कि सुन आलोच प्रशंसा।

रचियता -महादेव प्रेमी

Eid Mubarak Bhaijaan-ईद मुबारक भाई जान

Mahadev Prashad Premi

साहित्यिक नाम-महादेव प्रेमी जन्म स्थान-ग्राम परीता स्थाई पता- संजय कालोनी…

साहित्यिक नाम-महादेव प्रेमी जन्म स्थान-ग्राम परीता स्थाई पता- संजय कालोनी गर्ग होस्पीटल गंगापुर सिटी ,स0 मा0 (राज0)322201 मोबाईल 9667627720 संप्रति:चिकित्सा कर्मी कार्य क्षेत्र:चिकित्सा कार्य लेखन विधा-गजल,गीत,कविता और पहेली लेखन आदि प्रकाशन:(1)”बूझोबल” पहेली संग्रह प्राप्त सम्मान:कई सामाजिक व साहित्यिक सम्मान प्राप्त लेखनी उद्देश:सामाजिक विसंगतियों पर लिखना प्रेरणा पुञ्ज:स्वयम एवम अन्य लेखक रुचियां: साहित्य लेखन/अध्यापन

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