“यलगार” हिंदी कविता सुनीता शर्मा द्वारा रचित. अपने विचार काव्य लेखन प्रकाशन के लिए बात अपने देश की पर संपर्क करे Share this:Click to share…
बात अपने देश की पर अपने विचार लेख कविता आदि प्रकाशित करने के लिए सम्पर्क करे Share this:Click to share on Twitter (Opens in new…
अपने विचार लेख कविता आदि प्रकाशन के लिए बात अपने देश की पर संपर्क करे Share this:Click to share on Twitter (Opens in new window)Click…
“केशरिया परिधान”कुण्डली 6चरण केशरिया परिधान लखि,हर विपक्षी वेहाल,राज नीति कैसे चले,लेय वाल से खाल, लेय वाल से खाल,देख इस को पहिचानो,दिखे देश का भक्त,इसे आतंकी……
“हरित वाटिका”कुण्डली 6चरण हरित वाटिका में युगल,कर रहे मेल मिलाप,होट परस्पर मिल रहे,कर रहे वार्तालाप, कर रहे वार्तालाप,मिली इनको आजादी,हिन्दु संस्क्रति भूल,बने पश्चिम के वादी,……
“चोरी”कुण्डली 6चरण चोरी यद्यपि पाप है,चोरी है अपराध,फिर भी चोरी कीजिये,अधिकारी को साध, अधिकारी को साध,चलेगी रिस्वत खोरी,विजलि पानी टैक्स,कीजिये जमकर चोरी, “प्रेमी”कह ये काम,भरे……
मेरी कविता शीर्षक नीड छोड़ उन प्रवासी मजदूरों को समर्पित जो अपने पेट पालने खतिर अपना घरबार छोड़ कर दूर देश में अन्य राज्यों में……
“मां मन्दिर का दीप”कुण्डली 8चरण मां मन्दिर का दीप हैं, मां पूजा का थाल,जिसे दुआ मिलती रहे,सदा रहे खुशिहाल, सदा रहे खुशहाल, नहीं कोई दुविधा……
“हाथ पैर यदि पास”कुण्डली 8चरण हाथ पैर यदि पास हों,मांग कभी ना भीख,साहस पंखों में जगा,नभ में उड़ना सीख, उड़ना नभ में सीख,कभी झोली न……
“अपनी राह”कुण्डली 8चरण अपनी राह स्वयम् चुनो,तव पाओगे मान,नदियां सागर में मिले,खो अपनी पहचान, खो अपनी पहचान,नदी सागर में मिलती,मीठे जल को छोड़,सभी सागर में……