Login    |    Register
Menu Close

सपना बन जाए-हिंदी कविता

sapna ban jaaye hindi kavita

कोई खुशियों की चाह में रोया,
कोई दु:खों की परवाह में रोया,
अजीव सिलसिला है इस जिंदगी का,
कोई भरोसे के लिए रोया,
कोई भरोसा करके रोया,
कभी कोई जिन्दगी से नाराज ना होना,
क्या पता आप जैसी जिन्दगी,
किसी और का सपना बन जाय

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *