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Cartoon caricature of a man’s oversized belly hanging out of a balcony, blocking the street, while the annoyed neighbor waves a complaint notice.

मैं और मेरा मोटापा – एक प्रेमकथा

“मैं और मेरा मोटापा – एक प्रेमकथा” में तोंद और इंसान का रिश्ता मोहब्बत जैसा दिखाया गया है। पड़ोसी शर्मा जी की खीझ, रिश्तेदारों की…

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एक व्यंग्यात्मक कार्टून रेखाचित्र: खाट पर लेटा हुआ मोटा-सा आदमी पेट बाहर निकला हुआ, कम्बल ओढ़े मुस्कुराता हुआ। बगल में चश्मा पहने बब्बन चाचा खड़े हैं, हाथ में लाठी लेकर उसे डाँटते हुए—“कुछ काम करो!”। दीवार पर लिखा है: “आराम ही धर्म है”.

आराम करो –आराम में ही राम बसा है-हास्य-व्यंग्य

भागम-भाग की ज़िंदगी का असली गणित है—भाग को भाग दो, और उत्तर आएगा ‘आराम’। खाट पर लेटना, कम्बल में दुनिया की फिक्र लपेटना ही असली…

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"कार्टून रेखाचित्र जिसमें एक ऊंघता हुआ चपरासी ऑफिस गेट पर बैठा है, हाथ में बोर्ड पकड़े—‘साहब अवकाश पर हैं’। पास में ताला लगा दरवाज़ा और दीवार पर छुट्टियों से भरा कैलेंडर, साथ ही अफ़सर का चित्र जिसमें वह आरामकुर्सी पर बैठा चाय पीते हुए स्विट्ज़रलैंड की वादियों का सपना देख रहा है।"

अफ़सर अवकाश पर है-हास्य-व्यंग्य रचना

सरकारी दफ़्तरों की असलियत पर यह व्यंग्य कटाक्ष करता है—जहाँ अफ़सर तनख़्वाह तो छुट्टियों की लेते हैं, पर काम के नाम पर बहानेबाज़ी ही उनका…

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