गणेश वंदना करहूँ स्तुति तोरे, श्री गणपति, दीन दुखी के नाथ। दारुण दूर करहुं, मंगलकारी, तुम हो दीनों के साथ।। विघ्न विनाशक नाम तुम्हारा, शुभ…
भारतीय आम आदमी की ज़िंदगी में काम नहीं, मज़ा ज़रूरी है। वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स उसे नहीं समझ पाया — लेकिन वो तो मस्ती के लिए…
आजकल सोशल मीडिया पर रिजल्टों की मार्कशीटों की बरसात हो रही है, हर बच्चे के नब्बे प्रतिशत से कम अंक नहीं दिख रहे । माना…
किराए के लिए उन्हें फोन करता हूँ तो पता लगता है, वो बहुत दुखी हो गए हैं, उनकी सात पुश्तों में भी कभी किसी ने…
बचपन से ही हिंदी और अंग्रेजी की लोकोक्तियाँ और मुहावरों को रटते आए हैं, लेकिन कभी उनके गूढ़ार्थ पर दिमाग नहीं लगाया। वैसे भी, तब…
चैम्बर में अपनी एकमात्र कुर्सी पर धंसा ही था कि एक धीमी आवाज आई, “में आई कम इन सर ?” नजरें उठाकर देखा तो आगन्तुक…
हे प्रजातंत्र के प्रहरीगण, लोक तंत्र के इस विशाल नाटक का पटाक्षेप हो गया है. नाटक जहाँ झूठे वायदों की दुंदभी के आगे सच्चे संकल्प…
नेताजी पिछले पांच साल में जब से विधायक की कुर्सी हथियाई है, तब से प्रकृति प्रेम दिखाने के जो भी तरीके हो सकते हैं वो…
भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था दशकों से संकट में है—झुग्गियों की भीड़, बजट की कमी, सरकारी अस्पतालों की बदहाली और महामारी में हर साल सैंकड़ों…
शास्त्रीय संगीतकार च्यवनप्राश के विज्ञापन में नजर आ रहे हैं, कला का भी बाजार लग गया है। जब कला का मूल्य लग सकता है, तो…