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Tag: व्यंग्य

बड़े कोल्हू का कार्टून—बीच में जोते हुए पट्टी बांधे बैल, ऊपर आराम करते नेता-आफिसर तेल की बोतलें पकड़ कर हँस रहे हैं; पृष्ठभूमि में रैलियों के लाउडस्पीकर और घंटी बजती दिखती है।

कोल्हू का लोकतंत्र-व्यंग्य रचना

यह लोकतंत्र दरअसल एक कोल्हू है जिसमें बैल बनकर हम आमजन जोते जा रहे हैं। मालिक—नेता और अफसर—आराम से ऊँची कुर्सियों पर बैठकर तेल चूस…

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“लाइन-चित्र में एक व्यंग्यात्मक दृश्य: उधार लौटाने से बचता दोस्त, दूसरे दोस्त के हाथ में मिठाई का डिब्बा और कर्ज़ की फाइल, पृष्ठभूमि में गुड मॉर्निंग मैसेज और भागते दोस्त।”

दोस्ती और उधार-हास्य व्यंग्य रचना

दोस्ती अमृत है, मगर उधार की चिपचिपाहट इसे छाछ बना देती है। वही दोस्त जो आपकी माँ का हाल पूछता था, अचानक आपकी क्रेडिट कार्ड…

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Illustration of a banyan tree symbolizing Hindi’s role in culture, justice, education, media, and trade, with roots in Sanskrit and branches connecting other Indian languages, set in a digital era background.

राजभाषा, ज्ञान-व्यवस्था और डिजिटल युग में हिंदी की आगे की राह

हिंदी का भविष्य केवल भावनाओं से तय नहीं होगा, बल्कि छह खानों में इसकी ताक़त और चुनौतियाँ दिखती हैं—संस्कृति, व्यापार, न्याय, शिक्षा, मीडिया और सद्भाव।…

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Illustration of the evolution of Indian languages from Sanskrit to Hindi, surrounded by other Indian scripts, symbolizing unity, cultural diversity, and the humanity of language.

हिंदी: उद्भव, विकास और “भाषा” की मनुष्यता

भाषा केवल संचार का औज़ार नहीं, बल्कि मनुष्यता की आत्मा है। संस्कृत से प्राकृत, अपभ्रंश और फिर हिंदी तक की यात्रा हमारे सांस्कृतिक विकास की…

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Illustration showing the struggle between English prestige and Hindi identity, with a child speaking both languages, symbolizing India’s need for cultural and linguistic self-confidence.

वैचारिक आज़ादी और हिंदी की अस्मिता

1947 की आज़ादी ने हमें शासन से मुक्त किया, पर मानसिक गुलामी अब भी जारी है। अंग्रेज़ी बोलना प्रतिष्ठा, हिंदी बोलना हीनता क्यों माना जाए?…

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लाइन-इलस्ट्रेशन: मंच के पास सूटधारी आयोजक “हिंदी दिवस” बैनर के सामने शाल-ताम्रपत्र और नारियल लिए खड़ा है; डॉक्टर-लेखक के हाथ में निमंत्रण कार्ड; एक बुज़ुर्ग ‘हिंदी माता’ पट्टी-बँधी टांग के सहारे लंगड़ाते हुए, धूल जमीं हिंदी पुस्तकों की गठरी पकड़े; पृष्ठभूमि में डोनेशन बॉक्स और भीड़। व्यंग्यपूर्ण, 16:9, टेक्स्ट-स्पेस छोड़ा हुआ।

हिंदी दिवस-माइक, माला और मातृभाषा

ओपीडी में लेखक-डॉक्टर को एक चालाक रिश्तेदार ‘हिंदी दिवस’ पर मुख्य अतिथि का न्योता थमा देता है—मंशा डोनेशन बटोरने की। तैयारियों के बीच सड़क पर…

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खद्दरधारी हिंदी गुरुजी मैग्निफाइंग ग्लास से डॉक्टर-लेखक की फेसबुक पोस्ट में बिंदी-अनुस्वार टटोलते हुए—लाइन आर्ट कार्टून कैरिकेचर, 16:9।

मैं और मेरी हिंदी-व्यंग्य रचना

मैं, अंग्रेज़ी दवा लिखने वाला डॉक्टर, अब हिंदी में लिखने लगा तो शहर के ‘हिंदी प्रहरी’ गुरुजी मेरी हर पोस्ट में बिंदी-अनुस्वार ढूंढते फिरते हैं।…

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minimal, iconic, flat-vector book cover (aspect ratio 2:3) titled “मोगली आज़म” by डा राम कुमार

मोगली आज़म -लघु नाटिका

मोगली सल्तनत का दरबार दो सदियों के बीच झूला झूलता है—एक ओर शाही खंजर, सुराही, घूंघरू; दूसरी ओर जींस, बीयर, पिज़्ज़ा और जिम। बादशाह की…

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कार्टून शैली में एक पति बिस्तर पर तकिया कान पर दबाए पड़ा है, बगल में पत्नी गहरी नींद में खर्राटे ले रही है। कमरे में बांसुरी, ढोल और "खर्र-खर्र" के ध्वनि-चित्र बादलों की तरह तैर रहे हैं।

खर्राटा संगीत-हास्य कविता

डा. राम कुमार जोशी की यह हास्य-व्यंग्य रचना “खर्राटा संगीत” वैवाहिक जीवन की हल्की-फुल्की खटास-मीठास को चुटीले अंदाज़ में पेश करती है। इसमें पत्नी के…

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