हरियाली हिंदी कविता महादेव प्रेमी रचित

:”हरियाली” (कुण्डली 8चरण)

है हरियाली चारों तरफ,ठंडी ठंडी छांव,
यादों में वसता सदा, मेरा प्यारा गांव,

मेरा प्यारा गांव,लगे सव से सुख दायीं,
चला जाऊं मैं गाँव,कभी मेरे मन आयी,

हरी दूव हरिघास,हरी हर फसल सुहाई,
नाचन लगे मयूर,पपीहा टेर लगाई,

“प्रेमी” कुहु कुहु करत, डाल कोयलिया काली,
श्रावन में चहुँ ओर,आय फैली हरियाली।

यह भी पढ़े

Hindi Poem tittle Kattarta (कट्टरता ) by Mahadev “premi”

kattarta Bigotry Hindi Poem
Online gallery Indian artwork paintings handicrafts
Online gallery Indian artwork paintings handicrafts
डॉ मुकेश 'असीमित'

डॉ मुकेश 'असीमित'

लेखक का नाम: डॉ. मुकेश गर्ग निवास स्थान: गंगापुर सिटी,…

लेखक का नाम: डॉ. मुकेश गर्ग निवास स्थान: गंगापुर सिटी, राजस्थान पिन कोड -३२२२०१ मेल आई डी -thefocusunlimited€@gmail.com पेशा: अस्थि एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ लेखन रुचि: कविताएं, संस्मरण, व्यंग्य और हास्य रचनाएं प्रकाशित  पुस्तक “नरेंद्र मोदी का निर्माण: चायवाला से चौकीदार तक” (किताबगंज प्रकाशन से ) काव्य कुम्भ (साझा संकलन ) नीलम पब्लिकेशन से  काव्य ग्रन्थ भाग प्रथम (साझा संकलन ) लायंस पब्लिकेशन से  अंग्रेजी भाषा में-रोजेज एंड थोर्न्स -(एक व्यंग्य  संग्रह ) नोशन प्रेस से  –गिरने में क्या हर्ज है   -(५१ व्यंग्य रचनाओं का संग्रह ) भावना प्रकाशन से  प्रकाशनाधीन -व्यंग्य चालीसा (साझा संकलन )  किताबगंज   प्रकाशन  से  देश विदेश के जाने माने दैनिकी,साप्ताहिक पत्र और साहित्यिक पत्रिकाओं में नियमित रूप से लेख प्रकाशित  सम्मान एवं पुरस्कार -स्टेट आई एम ए द्वारा प्रेसिडेंशियल एप्रिसिएशन  अवार्ड  ”

Comments ( 0)

Join the conversation and share your thoughts

No comments yet

Be the first to share your thoughts!