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मछली हिंदी कविता-महादेव प्रेमी

मछली हिंदी पोएम

“मछली”
8चरण कुण्डली।
मछली को एक वार में,भारी हुआ जुकाम,
बार बार लगि छींकने,हाय मरी रे राम,

हाय मरी रे राम,कि वगुला वैध वुलाया,
चार दिना दे दवा,परहेज भी वतलाया,

कठिन धूप सहकर,के जल से दूरी रखना,
प्राण भले ही जायं,परहेज भूल न करना,

“प्रेमी”गयी जुखाम,वाहर जल से न निकली,
दिन में तारे दिखे,कि सोचन लागी मछली।

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  1. Pingback:धुनियाः ओटन लगे कपास -लेख डॉ एस जी काबरा " - Baat Apne Desh Ki

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