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सपना बन जाए-हिंदी कविता

sapna ban jaaye hindi kavita

कोई खुशियों की चाह में रोया,
कोई दु:खों की परवाह में रोया,
अजीव सिलसिला है इस जिंदगी का,
कोई भरोसे के लिए रोया,
कोई भरोसा करके रोया,
कभी कोई जिन्दगी से नाराज ना होना,
क्या पता आप जैसी जिन्दगी,
किसी और का सपना बन जाय

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