जलेबी -मीठी यादों की रसभरी मिठाई डॉ मुकेश 'असीमित' May 24, 2024 हिंदी लेख 0 Comments भारत की बहु-आयामी संस्कृति में एक ऐसी मिठाई है जिसने अपने रंग, रूप और स्वाद से हर उम्र के लोगों को मोहित कर रखा है… Spread the love
मुझे भी इतिहास बनाना है -हास्य व्यंग रचना डॉ मुकेश 'असीमित' May 23, 2024 व्यंग रचनाएं 0 Comments इतिहास से जुड़ी कुछ मजेदार घटनाओं और स्कूल के दिनों की हंसी-मजाक पर आधारित है। कैसे हमारे शिक्षक ‘मारसाहब’ क्लास में सो जाते थे और… Spread the love
मुफ्त की सलाह -मुफ्त का चन्दन घिस मेरे लाल डॉ मुकेश 'असीमित' May 22, 2024 हिंदी लेख 0 Comments कंसल्टेंसी का व्यवसाय तेजी से फल-फूल रहा है, चाहे वो फाइनेंशियल, टैक्स, लीगल, स्टॉक मार्केट, कंपनी, या ज्योतिष कंसल्टेंट हों। पर क्या आप सोच सकते… Spread the love
दोस्त और दोस्त की बीबी की तकरार -हास्य व्यंग रचना डॉ मुकेश 'असीमित' May 19, 2024 हिंदी लेख 0 Comments एक खास सुबह की सैर के दौरान, मेरे कानों में बॉलीवुड के जोरदार संगीत के साथ मैं चल रहा था जब मेरा मित्र मुझसे मिला।… Spread the love
नाम बड़े काम की चीज है –हास्य व्यंग रचना-डॉ मुकेश डॉ मुकेश 'असीमित' May 18, 2024 हिंदी लेख 0 Comments इस व्यंग्यात्मक रचना में आधुनिक समय में नामकरण की प्रक्रिया के व्यापारीकरण पर कटाक्ष किया गया है। यहाँ बताया गया है कि कैसे परंपरागत रीति-रिवाजों… Spread the love
टिकट विंडो की लाइन : व्यंग रचना -डॉ मुकेश गर्ग डॉ मुकेश 'असीमित' May 17, 2024 व्यंग रचनाएं 0 Comments “रेलवे की लाइनों में जीवन के उतार-चढ़ाव की गाथा: प्रौद्योगिकी और व्यवहार की चुनौतियों के बीच, सामाजिक चेहरा और व्यक्तिगत जद्दोजहद का आईना।” रेलवे के…… Spread the love
कोई हमारे नाम के आगे भी तखल्लुस सुझाए -व्यंग रचना डॉ मुकेश 'असीमित' May 16, 2024 व्यंग रचनाएं 0 Comments ‘कोई हमारे नाम के आगे भी तखल्लुस सुझाए -व्यंग रचना’ में लेखक ने अपने लेखनी के सफर को जिस खूबसूरती से बयां किया है, वह… Spread the love
जब मुझे गायन का शौक चढ़ा -हास्य व्यंग रचना डॉ मुकेश 'असीमित' May 15, 2024 हिंदी लेख 0 Comments “जब गायन का भूत सिर पर सवार हुआ, तो लगा कि शायद मैं भी किसी रॉकस्टार की तरह मंच पर छा जाऊंगा “ यूँ तो…… Spread the love
सेवानिवृत्ति का सुख-व्यंग रचना डॉ मुकेश 'असीमित' May 14, 2024 हिंदी लेख 0 Comments सेवानिवृत्ति का सुख” कथा में नायक सेवानिवृत्ति की दोहरी प्रकृति पर चिंतन करता है। जहां कई लोग इसे आराम और स्वतंत्रता के चरण के रूप… Spread the love
मरने की फुर्सत नहीं -व्यंग रचना डॉ मुकेश 'असीमित' May 13, 2024 Blogs 0 Comments इस लेख में, एक निजी चिकित्सक का व्यंग्यात्मक चित्रण किया गया है जो अपने पेशेवर जीवन में उतने सफल नहीं हैं जितना समाज से उम्मीद… Spread the love