Deepak-Hindi poem दीपक हिंदी कविता

Mahadev Prashad Premi Aug 4, 2021 Hindi poems 0

दीपक मिट्टी का बना हो,या सोने का,रोशनी कितनी देता है,सवाल है इस वात का,कोई धनी हो या गरीव,मुसीवत में कितना हो करीव,महत्व है इस वात का,फूलों से महक,मेहनत भरी क्यारियों से ही आती है,क्रतिम फूलों से तो केवल,प्रदर्शनी ही लगाई जाती है।

पुष्कर स्नानः गर्भजल, जरायु और नाभिनाल-Amniotic fluid,Chord and Placenta

Dr Shree Gopal Kabra Aug 4, 2021 Blogs 0

पुष्कर स्नानः गर्भजल, जरायु और नाभिनालडॉ. श्रीगोपाल काबरानाभिनाल -शिशु को आँवल (प्लैसेन्टा) से जोड़ती है नाभिनाल। इसमें अत्यधिक बल खाई हुई दो धमनियाँ (आर्टरी) होती हैं और एक शिरा (वेन)। धमनियाँ शिशु के शरीर से अशुद्ध रक्त आँवल को ले जाती हैं और शिरा, शुद्ध हुआ रक्त, और माँ के रक्त से प्राप्त पोषक तत्त्व, […]

‘ परिस्तिथी ‘ Hindi Kavita-Mahadev Premi

Mahadev Prashad Premi Jul 28, 2021 Hindi poems 0

कहा जाता है समय और परिस्थिति सदैव पक्ष में हो ज़रूरी नहीं!हमारा नज़रिया जैसा होता है व्यवहार भी उसी तरह का होने लगता है | अंततः ये हमारे द्वारा किये जाने वाले सृजन को प्रभावित कर ही लेता है | लेखक ले कर आये है परिस्थितियों के अपने नजरिये को कविता के माध्यम से ‘ […]

तैरना नहीं आता -कविता हिंदी-रचियता महादेव प्रेमी

Mahadev Prashad Premi Jul 28, 2021 Hindi poems 0

एस अकबरी ने कहा है की तैरना नहीं आता तुम्हे और इल्जाम पानी पर लगाते हो. कविता के माध्यम से लेखक ने इस सांकेतिक भाषा में हमारी परिस्थितियों के लिए स्यंव को जिम्मेदार न मानकर परिस्थितियों को जिम्मेदार बताते है

रिश्ते -Relationship कविता हिंदी में -रचियता महादेव प्रेमी

Mahadev Prashad Premi Jul 28, 2021 Hindi poems 0

कहते है रिश्तों की बगिया में एक रिश्ता नीम के पेड़ जैसा भी रखना, जो सीख भले ही कड़वी देता हो पर तकलीफ में मरहम भी बनता है कुछ ऐसे ही रिश्तो की खाती मीठी बातो को कविता के माध्यम से पिरोया है

कोयला -हिंदी कविता- रचियता महादेव प्रेमी

Mahadev Prashad Premi Jul 25, 2021 Hindi poems 0

 मनुष्य जीवन की उन्नति संगति से ही होती है। संगति से उसका स्वभाव परिवर्तित हो जाता है। संगति ही उसे नया जन्म देता है। जैसे, कचरे में चल रही चींटी यदि गुलाब के फूल तक पहुंच जाए तो वह देवताओं के मुकुट तक भी पहुंच जाती है। ऐसे ही महापुरुषों के संग से नीच व्यक्ति […]

Chinta -चिंता हिंदी कविता-रचियता-महादेव प्रेमी

Mahadev Prashad Premi Jul 25, 2021 Hindi poems 1

 चिंता की एक बहुत ही उपयुक्चित व्याख्या विकिपीडिया से ली गयी है “एक भविष्य उन्मुख मनोदशा है, जिसमें एक व्यक्ति आगामी नकारात्मक घटनाओं का सामना करने का प्रयास करने के लिये इच्छुक या तैयार होता है जो कि यह सुझाव देता है कि भविष्य बनाम उपस्थित खतरों के बीच एक अंतर है जो भय और चिन्ता […]

धुनियाः ओटन लगे कपास -लेख डॉ एस जी काबरा “

Dr Shree Gopal Kabra Jul 24, 2021 Blogs 0

लेखक ने अपने बचपन की यादो के धागों में पिरोये गये मोतियों में से एक मोती बरबस एक सहज और सुलभ भाषा में उपलब्ध किया है,कैसे एक धुनकी कपास और कबीर धुन की मीठी संगत नइ लेखक के मन को तो पुराणी यादो की मीठी स्मृति से रोमांचित किया ही है,बरबस हमे भी अंतर्मन को छू लेने बाली एक ठंडी सी हवा का झोंका कही दे कर गया है ऐसे ही लेख कविताये हिंदी और अंग्रेजी में पढने के लिए आज ही विजिट करे बात अपने देश की

‘ जुवान को समेट कर रखें ‘-Hindi poem

Mahadev Prashad Premi Jul 24, 2021 Hindi poems 0

‘ जुवान को समेट कर रखें ‘ जुवान पर लगाम औरफलों में आम,ये श्रेष्ठ माने जाते है, किसी ने क्या खूव कहा है,लम्वा धागा और लम्वी जुवान,हमेशा उलझ जाती है, इसलिये धागे को लपेट कर,और जुवान को समेट कर रखें ।

‘उठाना नहीं’ Hindi Kavita Poem अतुकांत कविता-Mahadev Premi

Mahadev Prashad Premi Jul 24, 2021 Poems 0

‘उठाना नहीं‘ जिन्दगी का एक सीधा सा गणित याद रखो, जहाँ कदर नहीं,वहां जाना नहीं, जो पचता नहीं,उसे खाना नहीं, और जो सच वोलने पर रूठ जांय,उसे मनाना नहीं, और जो नजरों से गिर जाय,उसे उठाना नहीं ।